इस्लामबाद: दुनिया भर में आतंकवादियों की आर्थिक सहायता रोकने के लिए काम करने वाली संस्था फाइनेंसिएल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की अहम बैठक फ्रांस की राजधानी पेरिस में बीते रविवार यानी 16 फरवरी 2020 को शुरू हुई. वहीं इस बैठक में पाक को आतंकी फंडिंग रोकने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में विस्तृत रिपोर्ट जमा करनी होगी. जंहा एफएटीएफ ने पाकिस्तान को अभी निगरानी वाली 'ग्रे' सूची में रखा है. अगर उसकी रिपोर्ट संतोषजनक नहीं मिलती है तो उसे काली सूची में भी डाला जाने वाला है.
जंहा अभी एक यह भी कहा जा रहा है कि पाकिस्तान की तरफ से जमा कराई जाने वाली रिपोर्ट की जांच एफएटीएफ का इंटरनेशनल को-ऑपरेशन रिव्यू ग्रुप (ICRG) करेगा. एफएटीएफ ने आतंकी फंडिंग रोकने के लिए पाकिस्तान से 27 बिंदुओं पर कार्रवाई करने को कहा था. जंहा इस बात का पता चला है कि इस बैठक में यह देखा जाएगा कि क्या पाकिस्तान ने उसकी तरफ से निर्धारित बिंदुओं पर कार्रवाई की है या नहीं और की है तो किस हद तक.
यूएन समेत कई संगठन हैं शामिल: मिल जानकारी के अनुसार म्यूनिख सेक्योरिटी कांफ्रेंस में एक पैनल चर्चा में सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने कहा कि कश्मीर मुद्दे को लोकतांत्रिक तरीके से हल करना किसी लोकतंत्र के लिए सबसे अच्छी बात हो सकती है. हम बता दें कि रिपब्लिकन नेता ने कहा, 'जब कश्मीर की बात आती है, तो मैं नहीं जानती कि यह मसला कैसे हल होगा. लेकिन एक बात सुनिश्चित करना चाहती हूं कि दोनों लोकतंत्र (भारत और पाकिस्तान) निश्चित तौर पर हल निकाल लेंगे.' इस पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जवाब देते हुए कहा था, 'चिंता मत कीजिए सीनेटर. एक ही लोकतांत्रिक देश है, जो इस मसले को सुलझाएगा और आप जानती हैं कि वह कौन सा देश है.'
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