कोई भी लड़की अपने आपको यह क्यों कहती है कि मै पापा की परी हू. बेटी का अपने पिता से लगाव वाकई सबसे अलग है. सिर्फ इतना ही नहीं पिता भी अपनी बेटी को बेटों से ज्यादा तवज्जो देते है. बेटी कुछ ख्वाहिश करे और पिता उसे पूरी न करे ऐसा हो ही नहीं सकता. पिता अपनी बेटियों का बेटों की अपेक्षा अधिक ध्यान रखते है.
बेटी के रोने की आवाज कानो पर पहुंचते ही पिता की बेचैनी बढ़ जाती है. वैज्ञानिकों के एक रिसर्च के अनुसार, पिता अपने बेटियों के प्रति अधिक भावुक होते है. इस रिसर्च के लिए 52 परिवारों से बातचीत की गई थी. पिता अपनी बेटियों के बारे में बात करते हुए सबसे अधिक भावुक होते है और अकेला महसूस करते है. यद्यपि ऐसा व्यवहार करने पर बेटे को दिल में ये बातें महसूस होती है.
यदि पिता अपने बेटे से अधिक रुखा व्यवहार करने के साथ बेटे को जुड़ाव महसूस नहीं करवा पाएगे तो बेटा उनसे दूर हो जाएगा. एक्सपर्ट्स ने पिता के तीनो व्यवहार उदासीन, खुश और दुःख को एक तस्वीर में कैद किया और यह पाया कि अधिकतर पिता अपने बेटों के प्रति उदासीन दिखे.
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