कोलकाता: बंगाल में राशन घोटाला मामले में गिरफ्तार किए गए ममता बनर्जी के मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक को लेकर हैरान करने वाले खुलासे हो रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, बंगाल के वन मंत्री ज्योति प्रिया मलिक की बेटी ने 2016 की नोटबंदी के बाद अपने बैंक खाते में 3.37 करोड़ रुपये नकद जमा किए थे। प्रियदर्शिनी मलिक ने अपने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (UBI) खाते में 'बेहिसाबी धन' की बड़ी राशि जमा की थी, जबकि मंत्री की बेटी वह पेशे से एक स्कूल शिक्षिका थीं और उस वर्ष उनका वार्षिक वेतन सिर्फ 2.48 लाख रुपए था।
केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा पूछताछ के दौरान, प्रिय ने ट्यूशन के माध्यम से 3 करोड़ से अधिक की कमाई करने का दावा किया है। मामले के बारे में बात करते हुए एक सूत्र ने जानकारी दी है कि, 'वह (प्रियरदाशिनी) एक स्कूल टीचर है और उन्होंने दावा किया है कि यह सारी रकम (3 करोड़) ट्यूशन के माध्यम से अर्जित की गई थी। उस वित्तीय वर्ष में उनका वार्षिक वेतन 2.48 लाख रुपये था। ED को ज्योति प्रिया मलिक की पत्नी मंदीपा मल्लिक के IDBI बैंक खाते में 4.3 करोड़ की नकदी जमा मिली है।
Meet West Bengal minister Jyotipriya Mallick arrested by ED in corruption charges
— Ankit Jain (@indiantweeter) October 29, 2023
His school teacher daughter deposited 3.4 crore cash in her bank account and claimed it was tuition fees earned by her, her annual salary is 2.8 lakhs.
His wife deposited 6 crore cash in bank… pic.twitter.com/HmWUOdLm8m
उल्लेखनीय है कि, शुक्रवार (27 अक्टूबर) को, ED ने ममता के मंत्री मंत्री को 'खाद्य मंत्री' के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) घोटाले में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया था। उन पर शेल कंपनियों के जाल के जरिए 95 करोड़ रुपये कि मनी लॉन्डरिंग करने का आरोप है। ज्योति प्रिया मलिक को कोर्ट ने 5 नवंबर 2023 तक ED की हिरासत में भेज दिया गया है। इससे पहले गुरुवार (26 अक्टूबर) को पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने केंद्रीय एजेंसी पर हमला बोलते हुए धमकी दी थी कि यदि वरिष्ठ तृणमूल नेता को किसी भी तरह से नुकसान पहुंचाया गया, तो ED के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की जाएगी।
रिपोर्ट के अनुसार, कालीघाट स्थित अपने आवास पर एक प्रेस वार्ता में बोलते हुए सीएम ममता ने कहा था कि, “भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले देशभर में विपक्षी नेताओं पर ED छापे की आड़ में एक कुटिल रणनीति में लगी हुई है। इससे उन्हें जीतने में मदद नहीं मिलेगी। ज्योतिप्रिया मलिक की तबीयत खराब है. वह हाई ब्लड शुगर से पीड़ित हैं. अगर उनके आवास पर तलाशी के दौरान उन्हें कोई नुकसान हुआ तो हम भाजपा और ईडी के खिलाफ FIR दर्ज करेंगे।''
कोर्ट में बेहोश हो गए थे मलिक :-
बता दें कि, केंद्रीय एजेंसी द्वारा गिरफ्तारी के बाद मलिक को अदालत ने 10 दिनों के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) की हिरासत में भेज दिया था। मंत्री कोर्ट में सुनवाई के दौरान बेहोश हो गए थे, जिसके बाद उन्हें शुक्रवार को तत्काल चिकित्सा देखभाल के लिए शहर के एक अस्पताल ले जाया गया था। बता दें कि, ये अक्सर देखा जाता है कि, जब भी कोई नेता भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार होते हैं, तो वे ख़राब तबियत का बहाना बनाकर कानून से छूट का लाभ या जमानत लेने की कोशिश करते हैं।
अस्पताल में मलिक की स्वास्थ्य स्थिति की निगरानी करने वाली टीम में शामिल एक वरिष्ठ डॉक्टर ने मीडिया को बताया है कि, "मंत्री को रात में अच्छी नींद आई। उन्होंने किसी भी तरह की बेचैनी की कोई शिकायत नहीं की।" अस्पताल ने शुक्रवार रात एक बुलेटिन में कहा कि, "मलिक को हाइपरग्लाइकेमिया, गुर्दे की हानि, डिसइलेक्ट्रोलाइटिमिया और टी2डीएम की पृष्ठभूमि के साथ प्री-सिंकोप और उच्च रक्तचाप के प्रारंभिक निदान के साथ भर्ती कराया गया है।" डॉक्टरों ने कहा कि मलिक का सीटी स्कैन, एमआरआई और रक्त परीक्षण किया गया। मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट, कलकत्ता तनुमोय करमाकर ने शुक्रवार को मंत्री की हिरासत के लिए ED की याचिका मंजूर कर ली और उन्हें 5 नवंबर तक 10 दिनों के लिए केंद्रीय एजेंसी की हिरासत में भेज दिया।