नई दिल्लीः देशभर में चल रही मंदी के बीच एक अच्छी खबर आई है। देश में विदेशी निवेश में बढ़ोतरी हुई है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल से जून तक एफडीआई 28 फीसद बढ़कर 16.33 अरब डॉलर पर पहुंच गया। वित्त वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही में देश में 12.75 अरब डॉलर का एफडीआई आया था।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सेवा क्षेत्र में 2.80 अरब डॉलर, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर में 2.24 अरब डॉलर, दूरसंचार में 4.22 अरब डॉलर और कारोबार में 1.13 अरब डॉलर का एफडीआई आया। सबसे अधिक एफडीआई सिंगापुर से आया है, वहां से 5.33 अरब डॉलर एफडीआई आया। इसके बाद 4.67 अरब डॉलर के साथ मॉरीशस, 1.45 अरब डॉलर के साथ नीदरलैंड और 47.20 करोड़ डॉलर के साथ जापान का स्थान रहा।
बता दें कि हाल ही में कुछ क्षेत्रों में एफडीआई नियमों में ढील दी गई है। हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सिंगल ब्रैंड रिटेल सहित कई सेक्टर्स में एफडीआई के नियमों में ढील को मंजूरी दी। केंद्र सरकार ने कोयला खनन गतिविधियों तथा कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग (किसी कंपनी द्वारा किसी अन्य कंपनी के लिए उसके ब्रैंड या लेवल के तहत माल का उत्पादन करना) में 100% एफडीआई को भी मंजूरी प्रदान की। डिजिटल मीडिया प्लैटफॉर्म में 26% एफडीआई को मंजूरी दी गई है।
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