चंडीगढ़: 31 जुलाई को सावन सोमवार के दिन नूंह में निकाली गई जलाभिषेक यात्रा पर मुस्लिम भीड़ के हमले में आरोपी बनाए गए हरियाणा कांग्रेस विधायक मम्मन खान को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस गिरफ़्तारी के कुछ घंटों बाद, हरियाणा सरकार ने शुक्रवार को जिले में मोबाइल इंटरनेट और बल्क SMS सेवाओं को दो दिनों के लिए निलंबित करने का आदेश दिया। दरअसल, सरकार को कांग्रेस विधायक की गिरफ़्तारी के बाद नूंह में माहौल बिगड़ने का अंदेशा है।
इसके चलते अगले आदेश तक नूंह में धारा 144 लागू कर दी गई है और लोगों को "शांति और सार्वजनिक व्यवस्था में किसी भी गड़बड़ी को रोकने के लिए" शुक्रवार की नमाज घर पर ही अदा करने के लिए कहा गया है। गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टी वी एस एन प्रसाद द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि, ''यह आदेश हरियाणा राज्य में जिला नूंह के अधिकार क्षेत्र में शांति और सार्वजनिक व्यवस्था में किसी भी गड़बड़ी को रोकने के लिए जारी किया गया है और 15 सितंबर (10.00) सुबह से 16 सितंबर (रात 11.59 बजे तक) तक लागू रहेगा।''
प्रसाद ने कहा कि, 'नूंह उपायुक्त ने 14 सितंबर को अपने अनुरोध के माध्यम से मेरे संज्ञान में यह लाया है कि जिले में तनाव, झुंझलाहट, आंदोलन, सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान और सार्वजनिक शांति और शांति में गड़बड़ी पैदा होने की आशंका है।" बता दें कि, 31 जुलाई और 1 अगस्त में नूंह में हिन्दू श्रद्धालुपं पर हुए हमले में आरोपी बनाए गए हरियाणा कांग्रेस विधायक मम्मन खान को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया है। हरियाणा पुलिस के अनुसार, विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) की यात्रा के बाद हुई हिंसा में उसकी संलिप्तता के "पर्याप्त सबूत" थे।
फिरोजपुर झिरका के विधायक मम्मन खान ने गिरफ्तारी से सुरक्षा की मांग करते हुए मंगलवार को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था और सुनवाई 19 अक्टूबर को होनी थी। मम्मन ने दावा किया कि उन्हें मामले में झूठा फंसाया जा रहा है, क्योंकि जिस दिन हिंसा भड़की थी उस दिन वह नूंह में मौजूद भी नहीं थे। हालाँकि, हरियाणा पुलिस ने अदालत को सूचित किया कि कांग्रेस नेता को "सबूतों के उचित मूल्यांकन" के बाद आरोपी के रूप में नामित किया गया था। उन्होंने यह भी दावा किया कि पुलिस के पास उनके मामले का समर्थन करने के लिए फोन कॉल रिकॉर्ड और अन्य सबूत हैं। मम्मन को शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
इससे पहले विधायक को नूंह पुलिस ने जांच टीम के सामने पेश होने के लिए दो बार समन भेजा था। हालांकि, उन्होंने वायरल बुखार को कारण बताते हुए पुलिस के समन का पालन नहीं किया। विधायक के वकील के अनुसार, खान को गुरुवार को ही FIR में आरोपी के रूप में अपना नाम शामिल किए जाने के बारे में पता चला। उच्च न्यायालय में अपनी याचिका में, खान ने हरियाणा सरकार को एक उच्च स्तरीय विशेष जांच दल (SIT) बनाने के लिए निर्देश देने की भी मांग की थी, जिसमें पुलिस महानिरीक्षक पद से नीचे के अधिकारी शामिल न हों। उन्होंने अनुरोध किया कि हिंसा से संबंधित मामलों को SIT को स्थानांतरित कर दिया जाए। बता दें कि, 31 जुलाई को, नूंह में जलाभिषेक यात्रा में जा रहे श्रद्धालुओं पर मुस्लिम भीड़ ने सुनियोजित तरीके से हमला कर दिया था, इसके परिणामस्वरूप दो होमगार्ड सहित छह लोगों की मौत हो गई थी और कई घायल हो गए थे। यहाँ तक कि, दंगाइयों ने 80 से अधिक वाहन जला डाले थे और पुलिस पर भी हमला किया था।
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