नई दिल्ली: रूस से युद्ध के चलते यूक्रेन से वापस आने वाले भारतीय मेडिकल छात्रों को लेकर एक नई बहस ने जन्म ले लिया है, जिसमें भारत में मेडिकल कॉलेजों और वहाँ के भारी फीस को लेकर बातें की जा रही हैं। इसी बीच ‘जन औषधि दिवस’ पर संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने बड़ा ऐलान कर दिया है। दरअसल, मोदी सरकार ने फैसला लिया है कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में आधी सीटों पर सरकारी मेडिकल कॉलेज के बराबर ही फीस लगेगी।
पीएम मोदी ने बताया कि कुछ दिन पहले ही सरकार ने ये बड़ा निर्णय लिया है, जिसका फायदा गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चों को मिलेगा। बता दें कि मोदी सरकार ने बड़ी तादाद में मेडिकल सीटों में वृद्धि की है, मगर इसके बाद भी प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में भारी फीस की वजह से लोग कजाखस्तान से लेकर यूक्रेन तक जाते रहे हैं। हाल ही में यूक्रेन से हजारों छात्रों को केंद्र सरकार स्वदेश वापस लाई है, जो वहाँ युद्ध में फँस गए थे। उन्होंने कहा कि जन-औषधि केंद्र तन को औषधि देते हैं, मन की चिंता को कम करने वाली भी औषधि हैं और धन को बचाकर जन-जन को राहत पहुंचाने वाले केंद्र भी हैं।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि दवा का पर्चा हाथ में आने के बाद लोगों के मन में जो आशंका होती थी कि, पता नहीं दवा खरीदने में कितना पैसा लगेगा, वो चिंता कम हुई है। उन्होंने बताया है कि आज देश में साढ़े आठ हजार से अधिक जन-औषधि केंद्र खुल चुके हैं। ये केंद्र अब सिर्फ सरकारी स्टोर नहीं, बल्कि सामान्य मानवी के लिए समाधान केंद्र बन रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि, 'हमारी सरकार ने कैंसर, टीबी, डायबिटीज, हृदयरोग जैसी बीमारियों के उपचार के लिए आवश्यक 800 से अधिक दवाइयों के दामों को भी नियंत्रित किया है। सरकार ने ये भी सुनिश्चित किया है कि स्टंट लगाने और ‘Knee Implant’ की कीमत भी कम रहे।'
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