आजकल कारें खासतौर पर भारत के लिए डिजाइन की जाती हैं। या आप इसे ऐसे भी कह सकते हैं कि कारों को अपने यूरोपीय अवतारों से काफी अलग रूप में उतारा जाता है। इसकी बड़ी वजह यह है कि भारत में ऑटोमोबाइल कंपनियों ने यहां की कारों में कुछ खास लक्षण और खूबियां डाली हैं।
यहा की कारें कॉम्पेंक्टष हैं इस प्रकार डिजाइन की जाती हैं कि वे भारी ट्रैफिक और पार्किंग की परेशानियों से बच सकें। कारों के आकार को लेकर कानून भी मौजूद हैं। जैसे चार मीटर से कम बड़ी कार को एक्साइज ड्यूटी में छूट मिलती है। कार की जो हैचबैक होती है वो पीछे से बड़ी होती हैं। भारतीयों को चमक ज्यादा पसंद होता है और ज्यादा क्रोम का अर्थ है ज्यादा प्रीमियम लुक और यह कार को खास बनाता है।
जब हमारे देश में कोई 'स्पोर्ट' वेरिएंट उतारा जाता है, तो बाजार में इसे लेकर बहुत बातें होती हैं। ज्याेदातर मामलों में कार के इंजन में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया जाता। इसके स्थान पर बहुत अजीब से ग्राफिक्सल इस्तेंमाल किये जाते हैं। इसमें लकड़ी की तरह दिखने वाले उत्पादों का प्रयोग और पहले से ज्याादा क्रोम का इस्तेमाल किया जाता है। कार निर्माता बस इतना ही बदलाव करते हैं। इसके अलावा कार के पहिये छोटे होते हैं। साथ ही भारतीय कार खरीदते समय इंटीरियर में जगह को काफी महत्व देते हैं।
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