देहरादून: उत्तराखंड में जंगल की आग विशाल रूप लेती जा रही है। पिछले 24 घंटे में 88 जगहों पर जंगलों में आग लगी। इसमें गढ़वाल में 45 तथा कुमाऊं में 32 जगहों पर आग लगी। संरक्षित वन्य जीव विहार भी वनाग्नि से अछूते नहीं रहे। सोमवार को 11 वन्य जीव विहारों में आग की घटनाएं हुईं। वन विभाग के अनुरोध पर आपदा प्रबंधन सचिव ने कलेक्टर्स को आग बुझाने में हर संभव सहायता करने की अपील की है।
वहीं उत्तरकाशी जिला मुख्यालय के चारों तरफ जंगल की आग (वनाग्नि) अनियंत्रित होती जा रही है। रविवार शाम लगभग सवा 4 बजे लगभग वरूणावत पर्वत पर अचानक जंगल की आग भड़क उठी। शाम ढलते यह आग अनियंत्रित होकर पूरे वरूणावत टॉप समेत बफर जोन के ऊपर फैल गई। आग इंद्रा कॉलोनी तथा गुफियारा की ओर बढ़ने से वन विभाग, SDRF, पुलिस, फायर सर्विस तथा आपदा प्रबंधन विभाग की टीम ने आग को आवासीय बस्ती में फैलने से रोका। आग पर नियंत्रण पाते हुए एक वनकर्मी झुलस गया है, जिसका जिला हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है।
वही नीचे आवासीय बस्ती एवं पेट्रोल पंप होने के चलते वनाग्नि भड़कने की खबर पर वन विभाग, SDRF, फायर सर्विस तथा आपदा प्रबंधन विभाग की टीम मौके पर पहुंची, किन्तु खड़ा पहाड़ होने के चलते टीम पहाड़ पर नहीं चढ़ पाई। बाद में किसी प्रकार टीम ने इंद्रा कॉलोनी समेत पेट्रोल पंप की तरफ आग को बढ़ने से रोकने के लिए वृक्ष टहनियों से आग को बुझाया। इस के चलते वन विभाग के दैनिक वनकर्मी भजन सिंह राणा का दायां हाथ, गाल एवं कान झुलस गया, जिसे जिला हॉस्पिटल ले जाया गया। वन क्षेत्राधिकारी बाड़ाहाट रविंद्र पुंडीर ने कहा कि रविवार दिन में गुफियारा के ऊपर आग फैली थी, जो वरूणावत टॉप तक चली गई थी। ढालदार वन इलाके होने के चलते आग नीचे की ओर उतरी। इंद्रा कॉलोनी तथा गुफियारा में आवासीय घरों तक आग न पहुंचे इसके लिए वन विभाग की टीम तैनात रही।
बिहार में मचा हाहाकार! प्रसाद खाने के बाद बीमार पड़े दर्जनों लोग, हुए भर्ती
भारत की रूसी तेल की मासिक खरीद यूरोप की तुलना में कम है: जयशंकर
कोविड अपडेट: भारत में पिछले 24 घंटों में 796 नए मामले, 19 मौतें