ब्यूनस आयर्स: रेकॉर्ड 5 बार फीफा के सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलर, रेकॉर्ड 5 बार यूरोपीय गोल्डन शू, बार्सिलोना के साथ 9 ला लिगा खिताब, 4 युएफा चैंपियंस लीग और 6 कोपा डेल रे खिताब ये सब पाया है बचपन में बौनेपन से परेशान फुटबॉल के मैदान के सिकंदर लियोनेल मेसी ने. डेढ़ दशक का शानदार करियर, हर बुलंदी छूने के बाद भी मेसी अर्जेंटीना के लिए विश्व कप नहीं जीत पाये है. रूस में शुरू होने वाले फीफा वर्ल्ड कप 2018 में मेसी के पास शायद यह आखरी मौका है कि एक खिलाडी के तौर पर अपने सपने को वे सच में जी सके और ये करिश्माई खिलाडी अपने किये अब तक के 600 गोल पर सच में गर्व कर सके.
सितंबर 2000 में 13 बरस के मेसी अपने पिता के साथ ट्रायल देने आए तो उनके नाटे कद का मजाक उड़ाया गया मगर कद से कही बड़े इरादे वाले मेसी ने 10 मिनट का खेल दिखा कर ही बार्सिलोना के साथ करार पा लिया. तक से लेकर अब तक मेसी ने बार्सिलोना को नहीं छोड़ा और दूसरे क्लबों से जुड़ने की कई अफवाहें बीच में आती रही.
माराडोना के पास हालांकि विश्व कप था जो आखिरी बार 1986 में अर्जेंटीना ने माराडोना के दम पर ही जीता था, मेसी को फिर वही खेल दिखाना होगा जिसके दम पर वे दुनिया भर में जानें जाते है .
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फीफा वर्ल्ड कप 2018 : दीवानगी होगी चरम पर
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