रूस में चल रहे फीफा विश्व कप में एशियाई टीमों ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन कर कई उम्मीदे जिन्दा कर दी है. कतर में होने वाले 2022 विश्व कप में एशियाई टीमों से और भी बेहतर प्रदर्शन की आस है. मौजूदा चैंपियन जर्मनी पर दक्षिण कोरिया की 2-0 की जीत, बेल्जियम के खिलाफ जापान, ईरान का पुर्तगाली टीम से सामना. परिणाम ही एक कसौटी नहीं है टीम के खेल की. माद्दा जस्बा और कोशिश भी आगे की राह आसान करती है.
रूस में प्रदर्शन के बाद जापान, दक्षिण कोरिया और ईरान की टीमों ने ये साबित किया की एशिया फुटबाल से इतना भी दूर नहीं है जितना जाना जाता है. इस विश्व कप में जापान, दक्षिण कोरिया, ईरान, सऊदी अरब और ऑस्ट्रेलिया के रूप में पांच टीमों ने भाग लिया और 15 अंक हासिल किए. एशियाई फुटबॉल इतिहास में यह पहला मौका है जब ग्रुप स्टेज पर एशियाई टीमों को इतने अंक हासिल किये.परिणाम सबको पता था और किसी चमत्कार की उम्मीद भी नहीं थी पर खेल किस कदर होगा इस पर सभी नज़रे थी. जिसमे ये टीम काफी हद तक कामयाब रही है.
एशियाई टीमों में सबसे ज्यादा निखार जापान के खेल में दिखा. बेल्जियम के खिलाफ मुकाबला इसका सबसे बढ़िया उदाहरण है. एएफसी के अध्यक्ष शेख सलमान ने कहा कि जापान ने टूर्नामेंट की सबसे अच्छी टीमों में से एक बेल्जियम के खिलाफ बेहतरीन खेल दिखाया, उसकी सफलता एशियाई देशों को दुनिया के शीर्ष देशों के साथ खड़ा करने के लिए प्रेरित करती है. उम्मीद है ये प्रेरणा आने वाले दिनों में और भी सुखद परिणाम में बदले .
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