दोहा : इसे अमेरिका का दोहरा चरित्र ही कहेंगे कि कतर पर आतंकवाद को बढ़ावा तथा वित्तीय मदद देने का आरोप लगाने के बावजूद अमेरिका ने 12 करोड़ डॉलर की कीमत वाले एफ-15 लड़ाकू विमान कतर को देने पर सहमति दे दी है. ध्यान देने वाली बात यह है कि यह समझौता ऐसे समय हुआ है जब कतर से सऊदी अरब समेत उसके सहयोगी देशों ने कतर पर आतंकवाद को समर्थन तथा वित्तीय मदद देने के आरोप में राजनयिक एवं आर्थिक रिश्ते तोड़ लिए हैं.
इस बारे में कतर के एक अधिकारी ने दोहा में बताया कि ये सौदा इस बात का सबूत है कि अमरीकी संस्थाएं अभी भी हमारे साथ हैं और अमरीकी समर्थन की जड़ें काफी गहरी हैं..उल्लेखनीय है कि इस बारे में अमेरिका में कतर के राजदूत मेशल हमद अल-थानी ने ट्विटर पर एक तस्वीर पोस्ट कर लिखा कि रक्षामंत्री जिम मैटिस कतर के रक्षा मामलों के राज्यमंत्री खालिद अल अत्तायाह से मिले और सैन्य बिक्री खरीद को अंतिम रूप देने के मद्देनजर अमेरिका निर्मित एफ-15 लड़ाकू विमान की खरीददारी के समझौते को अंतिम रूप दिया.
बता दें कि गत दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कतर पर आतंकवाद को बढ़ावा तथा वित्तीय मदद देने के कई बार आरोप लगाये, लेकिन अमेरिका का रक्षा विभाग इस मामले में तटस्थ बना रहा. दरअसल अमेरिका ने दूरगामी परिणामों को दृष्टिगत रखते हुए ही यह समझौता किया है . स्मरण रहे कि कतर में अमेरिका का मध्यपूर्व का सबसे बड़ा एयर बेस अल उदीद है. यहां अमेरिकी गठबंधन सेना के 11,000 से अधिक सैनिक तैनात है. जो सीरिया और इराक में आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट(आईएस) के खिलाफ सैन्य अभियान चलाते हैं.
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