नई दिल्ली: मोदी सरकार के कार्यकाल में देश में हाईवे और एक्सप्रेसवे का विस्तार बेहद तेजी से हो रहा है. सरकार 26 ऐसे हाईवे विकसित कर रही है, जहां इमरजेंसी के समय लड़ाकू विमान भी उतारे जा सकेंगे. वहीं ये देश में बड़े स्तर पर रोजगार भी बढ़ाएगा. देश को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का तोहफा मिल चुका है. भले अभी इसके दिल्ली-दौसा वाले पहले खंड का ही उद्घाटन हुआ है, मगर सही मायनों में ये बेहद खास हाईवे है.
वहीं, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का दावा है कि मोदी सरकार देश में बिलकुल अमेरिका जैसी सड़के बना रही है, जिससे देश में जमकर रोजगार पैदा होंगे. केंद्रीय मंत्री ने बताया है कि सरकार का लक्ष्य 2024 तक देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को अमेरिका के बराबर लाकर खड़ा करने का है. इसमें भारत माला परियोजना, इंडस्ट्रियल और डिफेंस कॉरिडोर,मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी, रेलवे, हवाई अड्डे, बंदरगाह, जन परिवहन, जलमार्ग और लॉजिस्टिक्स जैसे इफ्रांस्ट्रक्चर रिफॉर्म निरंतर हो रहे हैं और ये देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर का बनाने में सहायता करेंगे.
गडकरी ने कहा है कि देश में इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास करना करना अत्यंत आवश्यक है. इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट से देश में इंडस्ट्री आएगी. इसके साथ-साथ कैपिटल इंवेस्टमेंट में भी इजाफा होगा. इस काम से देश में नए रोजगार उत्पन्न होंगे और देश में गरीबी दूर होगी. केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि भारत में बनने वाले एक्सप्रेसवे सिर्फ सफर को सुगम ही नहीं बनाएंगे, बल्कि इमरजेंसी के समय इस पर लड़ाकू विमान भी उतारे जा सकेंगे. सपनों की इस सड़क को रोड रनवे के रूप में डेवलप किया जा रहा है.
उन्होंने कहा है कि, केंद्र सरकार 26 ऐसी सड़कें बनाने पर फोकस कर रही है, जहां प्लेन लैंड हो सकते हैं. इसी के साथ नितिन गडकरी ने कहा है कि केंद्र सरकार 2024 ख़त्म होने से पहले देश के इन्फ्रास्ट्रक्चर को अमेरिका के स्टैंडर्ड का बनाना चाहती है. आज हमारे देश में वाहनों की तादाद निरंतर बढ़ रही है. इलेक्ट्रिक व्हीकल की संख्या करीब 50 लाख तक पहुंच चुकी है. ऐसे में भारत के रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर को सुधारना केंद्र सरकार की प्राथमिकता है.
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