कोलकाता: महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते, चंद्र कुमार बोस ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका (PIL) दाखिल की है, जिसमें उन्होंने कहा है कि भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के साहित्य के साथ छेड़छाड़ की जा रही है। इसे लेकर वर्तमान में जो विकृतियां या गलत जानकारियां, जो फिल्मों में दिखाई जा बताई जा रही हैं। उसको लेकर भारत सरकार को सख्त एक्शन लेना चाहिए।
मीडिया से बात करते हुए चंद्र कुमार बोस ने कहा कि, 'मोदी सरकार ने 2016-17 में सीक्रेट डाक्यूमेंट्स को सार्वजनिक किया। इसके बाद, हमें ऐसी रिपोर्टें मिलीं, जिनसे पता चलता है कि नेताजी बोस ने 18 अगस्त, 1945 को अपने जीवन का बलिदान दिया था, मगर कुछ लोग इतिहास को तोड़-मरोड़ कर व्यापार करने का प्रयास कर रहे हैं। शुक्रवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक PIL दाखिल की गई। जिसमें स्वतंत्रता आंदोलन के साहित्य से छेड़खानी को लेकर वर्तमान में जो विकृतियां या गलत जानकारियां, जो फिल्मों आदि में दिखाई जा बताई जा रही हैं। उस पर भारत सरकार से फ़ौरन कार्रवाई की मांग की गई है।
शुक्रवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि इस याचिका में फिल्मों, किताबों और अन्य प्रकाशनों में चित्रित घटनाओं की ऐतिहासिक प्रामाणिकता और सत्यता के ज्यादा सावधानीपूर्वक सत्यापन किए जाने की भी मांग की गई है। याचिकाकर्ता ने नेता नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथ किए गए प्रतिकूल व्यवहार पर भी चिंता प्रकट की। याचिकाकर्ता ने कहा कि 'नेताजी' उपमहाद्वीप के इतिहास में सबसे अशांत समय में से एक में थे और देश की सेवा करते थे।
यहाँ स्थापित की जाएंगी माता सीता की 251 फ़ीट ऊँची प्रतिमा, पीएम मोदी कर सकते हैं भूमि पूजन
नॉनवेज न खाने पर भी श्रद्धा को पीटता था दरिंदा आफताब.., माँ-बाप देते थे पूरा साथ
कैदियों के हाथ लगी कोठरी की चाबी, हत्या के दोषी समेत 9 कैदी हुए फरार