नई दिल्ली: जीएसटी काउंसिल की 31वीं बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसलों के बाद वित्तमंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी में और बदलाव होने के संकेत दिए हैं. जेटली ने सोमवार को जीएसटी के 18 महीने पर ब्लॉग लिखकर बताया है कि कैसे इससे देश की जनता को लाभ हुआ है. वहीं उन्होंने 28 प्रतिशत जीएसटी स्लैब को पूरी तरह समाप्त करने और 18 और 12 प्रतिशत स्लैब के स्थान पर एक ही स्लैब लाने की बात भी कही है. उन्होंने भविष्य में सिंगल स्टैंडर्ड जीएसटी रेट की तरफ जाने की बात भी कही है.
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अरुण जेटली ने अपने ब्लॉग में लिखा है कि, गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) 18 महीने के दौरान कामयाब रहा है. जीएसटी आने के बाद स्थिति में तेजी से बदलाव आया है, सभी 17 टैक्स एक हो गए हैं और पूरा देश 'एक बाजार' बन चुका है. जेटली ने कहा कि आने वाले समय में 12 और 18 प्रतिशत ले स्थान पर इन दोनों के बीच का एक नया स्टैंडर्ड टैक्स स्लैब बना दिया जाएगा. जेटली ने लग्जरी और सिन उत्पादों को छोड़कर देश में जीएसटी के 0, 5 और स्टैंडर्ड रेट टैक्स स्लैब बनाए जाने की बात कही है, वहीं, 28 प्रतिशत टैक्स स्लैब को धीरे-धीरे खत्म कर देने का कहा है.
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जेटली ने बताया है कि सीमेंट और ऑटो पार्ट्स के अलावा बुनियादी जरूरतों के ज्यादातर उत्पाद 28 फीसदी टैक्स स्लैब से 18 और 12 में कर दिए गए हैं. सीमेंट पर भी जल्दी ही टैक्स कम किया जाएगा. जेटली ने बताया है कि 183 उत्पादों पर टैक्स शून्य है. वहीं 308 उत्पादों पर 5 प्रतिशत टैक्स लगता है, 178 पर 12 प्रतिशत टैक्स है, जबकि 517 उत्पादों को 18 प्रतिशत टैक्स स्लैब में रखा गया है. 28 प्रतिशत टैक्स स्लैब अब लग्जरी उत्पाद, तंबाकू, लग्जरी गाड़ियां, एसी, सोडा वाटर, बड़े टीवी ही बचे हुए हैं. जेटली ने अपने ब्लॉग में लिखा है कि हमारे देश का टैक्स सिस्टम खराब था, जिसमे जीएसटी के बाद से काफी सुधार हुआ है. पहले राज्य और केंद्र के अलग-अलग टैक्स ने आमजन की कमर तोड़ दी थी, लेकिन अब वो राहत महसूस कर रहे हैं.
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