नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली पर व्यापार टाइकून विजय माल्या के साथ तालमेल करने का आरोप लगाया और दावा किया कि संसद में 15 मिनट से अधिक समय तक दोनों ने मीटिंग की थी, जिसका सबूत भी मौजूद है. राहुल गाँधी ने कहा कि "जेटली ने ईडी, सीबीआई को इस बैठक के बारे में सूचित नहीं किया था, इसका क्या मतलब है?" राहुल गाँधी ने कहा कि जब माल्या ने उन्हें बताया कि वो भाग कर लंदन जा रहा है, तो जेटली ने क्यों कोई कदम नहीं उठाया, इसका उत्तर अरुण जेटली को देना होगा.
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राहुल गाँधी के इन आरोपों पर जवाब देते हुए जेटली ने समाचार एजेंसी से हवाले से कहा कि मैंने माल्या को कभी मुलाकात का समय नहीं दिया, न ही मेरे कार्यालय में और न ही मेरे निवास पर. मैंने कभी उससे मिलने की पेशकश नहीं की है. मुझे एक मौके पर याद है कि उन्होंने राज्यसभा के सदस्य के रूप में अपने विशेषाधिकारों का दुरुपयोग किया था और जब मैं राज्यसभा से अपने कमरे में बाहर निकल रहा था, तो वह संसद भवन में मेरी तरफ बढ़ गया और सुझाव दिया कि वह निपटारे की पेशकश करने जा रहा है, मैंने उससे कोई विवरण प्राप्त करने की भी कोशिश नहीं की. मैंने उससे कहा कि उसे निपटारे सम्बंधित बात बैंकों से करने के लिए कहा, क्योंकि मुझे पता था कि वो पहले की ही तरह गुमराह कर रहा है, उसकी बैंकों का पैसा लौटने की मंशा नहीं है.
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जेटली ने बताया कि "इस एक वाक्य के बाद मैं वहां से चल दिया, जबकि उसने मुझे रोकने और कुछ प्रस्ताव या सुझाव देने की कोशिश की जिसे सुनने से मैंने इंकार कर दिया, मेरा माल्या से मिलने और उससे बात करने का सवाल ही नहीं उठता. उस समय के बाद से मुझे उसके पास से कोई दस्तावेज़ भी प्राप्त नहीं हुआ और अगर मुझपर इलज़ाम लगाया जा रहा है कि माल्या निपटारे के सम्बन्ध में मुझसे मिला था, तो ये अधूरी जानकारी है, मुझपर आरोप लगाने वालों को पहले पुरे तथ्य इकट्ठे करने होंगे.
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