नई दिल्लीः केंद्र सरकार देश मेें जारी सुस्ती से निपटने के लिए कई विकल्पों पर काम कर रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बीते शनिवार को इसको लेकर तमाम बड़े ऐलान किए हैँ। मंदी के कारण उद्योग-धंधे ठप पड़े हुए हैं। जिसके कारण रोजगार पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। वित्त मंत्री ने दो सेक्टरों पर खासा फोकस किया है। यह सेक्टर हैं अफोर्डेबल हाउसिंग सेक्टर और एक्सपोर्ट सेक्टर। सीतारमण ने देश में चार स्थानों पर हस्तशिल्प, योग, पर्यटन, कपड़ा और चमड़ा क्षेत्रों के लिए वार्षिक शॉपिंग फेस्टिवल आयोजित किए जाने की घोषणा की।
उन्होंने र्यातकों के लिए कर्ज प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के लिए कर्ज आवंटन के संशोधित नियमों (पीएसएल) की घोषणा की। इससे निर्यातकों को 36,000 करोड़ रुपये से लेकर 68,000 करोड़ रुपये तक का अतिरिक्त वित्तीय मदद मिलेगी। उन्होंने निर्यातकों को कर्ज के लिए पीएसएल नियमों की समीक्षा की भी बात कही। वित्त मंत्री ने कहा कि इसके लिए दिशानिर्देशों पर भारतीय रिजर्व बैंक के साथ बात-चीत चल रही है।
वित्त मंत्री ने कहा कि इससे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के तहत निर्यात कर्ज के लिए 36,000 करोड़ रुपये से लेकर 68,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी उपलब्ध होगी। सीतारमण के ऐलानों के मुताबिक, णिज्य विभाग के तहत एक अंतर-मंत्रालयी समूह निर्यात क्षेत्र को वित्त पोषण की सक्रिय निगरानी करेगा। इसके अलावा निर्यात कर्ज गारंटी निगम (ईसीजीसी) निर्यात कर्ज बीमा योजना का दायरा बढ़ाएगा। सीतारमण ने निर्यात प्रोत्साहन के लिए विदेशी बाजारों में भेजे जाने वाले वाणिज्यिक उत्पादों पर कर और शुल्क का बोझ समाप्त करने की नई योजना रिमिशन ऑफ ड्यूटीज ऑर टैक्सेज ऑन एक्सपोर्ट्स प्रोडक्ट्स (RoDTEP) का ऐलान किया। इस योजना से खजाने पर 50,000 करोड़ रुपये का बोझ आने का अनुमान है। बता दें कि सरकार देश में मंदी के कारण लगातार विपक्ष के निशाने पर है।
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