बैंकों के विलय से से नौकरी पर खतरे की बात पर वित्त मंत्री ने दिया यह जवाब

बैंकों के विलय से से नौकरी पर खतरे की बात पर वित्त मंत्री ने दिया यह जवाब
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नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने बीते दिनों एक बड़ा फैसला लेते हुए आठ सरकारी बैंकों का विलय कर दिया था। सरकार के इस निर्णय पर विरोधी सवाल उधा रहे हैं। खासकर नोकरी पर पड़ने वाले इसके प्रभाव को लेकर वह सरकार पर हमलावर हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इन सभी आशंकाओं को खारिज किया है। सीतारमण ने कहा कि विलय के इन निर्णयों से किसी एक कर्मचारी की भी नौकरी नहीं जाएगी। वित्त मंत्री ने नौकरी जाने के बारे में बैंक यूनियनों की चिंताओं के बारे में संवाददाताओं से कहा कि, 'यह बिल्कुल तथ्यहीन बात है।

मैं इनमें से हर बैंक की सभी यूनियनों एवं लोगों को यह आश्वस्त करना चाहती हूं कि वे शुक्रवार को मेरी कही गयी बात को याद करें। जब हमने बैंकों के विलय की बात की तो मैंने स्पष्ट तौर पर कहा था कि किसी भी कर्मचारी को नहीं हटाया जाएगा। किसी को भी नहीं।' सीतारमण ने शुक्रवार को दस सरकारी बैंकों का विलय कर चार बैंक बनाने की घोषणा की थी।

यह निर्णय देश में मजबूत और वैश्विक पैमाने के बड़े बैंक गठित करने के लक्ष्य से किया गया है। सरकार के घोषणा के अनुसार पीएनबी में ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का, केनरा बैंक में सिंडिकेट बैंक का, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में आंध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक का एवं इंडियन बैंक में इलाहाबाद बैंक का विलय किया जाना है। विलय के बाद कुल सरकारी बैंकों की संख्या 12 रह जाएगी। सरकार इस कदम को बैंकों के हित में बता रही है। 

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