नई दिल्लीः देश में चल रही आर्थिक सुस्ती को सरकार भले मानने से इनकार करे मगर सच्चाई से वह वाकिफ है। इसिलिए सरकार समय-समय पर बड़े आर्थिक कदम उठाते रही है। जो हम बीते दिनों देख चुके हैं। हालांकि इन कदमों से देश की इकोनॉमी पर अब तक कोई खास फर्क नहीं पड़ा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक बार फिर आर्थिक हालातों की पड़ताल के लिए आज यानि सोमवार को सरकारी बैंकों की बैठक बुलाई है। बैठक में बैंकों की तरफ से हाल में उठाए गए कदमों और लोन मेला कैंपों के नतीजों पर विचार-विमर्श होगा।
साथ ही इस महीने की शुरुआत में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) की तरफ से प्रमुख ब्याज दर में की गई कटौती का लाभ ग्राहकों को देने के लिए भी बैंकों की समीक्षा होगी। पिछले एक महीने में वित्त मंत्री की सरकारी बैंकों के साथ यह दूसरी बैठक है।बैठक में सभी सरकारी बैंकों के प्रमुखों और शीर्ष अधिकारियों के शामिल होने की संभावना है। सूत्रों का कहना है कि बैठक में क्रेडिट गारंटी स्कीम पर बैंक अपना रिपोर्ट कार्ड भी प्रस्तुत करेंगे।
इसके अलावा पूंजी आधार बढ़ाने की दिशा में फंड जुटाने संबंधी उठाए गए कदमों का ब्योरा भी बैंक वित्त मंत्री के समक्ष रख सकते हैं। बैठक में पहले चरण के दौरान 226 जिलों में सरकारी बैंकों की तरफ से आयोजित लोन मेले की रिपोर्ट पर भी विचार होगा। इस मेले के दौरान बैंकों ने कृषि, वाहन, होम, एमएसएमई, शिक्षा और पर्सनल लोन उपलब्ध कराए। हालांकि बैंकों के कामकाज की सालाना समीक्षा के लिए बुलाई गई बैठक में ऐसे 400 जिलों की पहचान करने का सरकारी बैंकों ने निर्णय लिया था। लेकिन बाद में निजी क्षेत्र के बैंक भी इस मुहिम में जुड़े।
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