नई दिल्लीः केंद्र सरकार देश में व्यापत आर्थिक सुस्ती से निपटने के लिए लगातार सक्रिय दिख रही है। वित्त मंत्री ने बीते दिनों कई प्रेस कांफ्रेंस किए जिसमें बड़े आर्थिक कदमों का ऐलान किया गया। इसके साथ ही सरकार विभिन्न व्यापारिक संगठनों और उद्योग जगत के लोगों के साथ बैठक भी कर रही है। इस कड़ी में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सार्वजनिक उपक्रमों (पीएसयू) के प्रमुखों के साथ बैठक कर पूंजीगत खर्च के कार्यक्रमों की समीक्षा की।
मिटिंग के बाद वित्त मंत्री ने सभी उपक्रमों को 15 अक्टूबर तक ठेकेदारों और आपूर्तिकताओं का सारा बकाया निपटाने का शनिवार को निर्देश दिया। इसके लिए अक्टूबर के पहले सप्ताह में अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने सरकारी कंपनियों से भुगतान संबंधी मामलों के लिए नया पोर्टल शुरू करने के लिए भी कहा है। ताकि, सर्विस प्रोवाइडर बिल और भुगतान संबंधी जानकारी ट्रैक कर सकें।
34 पीएसयू ने अगस्त तक 48,077 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जबकि दिसंबर 2019 तक 50,159 करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं, इसके अलावा चौथी तिमाही में 54,700 करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य है। इस बैठक में एनएचएआई, सीआईएल, इंडियन ऑयल, ओएनजीसी, HAL, एनएचपीसी, पावर ग्रिड, एनटीपीसी, गेल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और MSME के सचिव शामिल रहे। दरअसल MSME की यह शिकायत रहती है कि उन्हें भूगतान समय पर नहीं होता है। जिससे उनके सामने आर्थिक चुनौती उत्पन्न हो जाती है।
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अर्थव्यवस्था में गति देने के लिए वित्त मंत्री ने विभिन्न मंत्रालयों को दिया यह निर्देश