नई दिल्लीः भारतीय अर्थव्यवस्था में चल रही मंदी के कारण आलोचकों के निशाने पर आई सरकार पर अर्थव्यवस्था में गति देने के लिए काफी दवाब है। इसलिए सरकार लगातार समय-समय पर राहत भरे कदमों का ऐलान करती रहती है। इसी कड़ी में केंद सरकार ने एक और बड़ा निर्णय लिया है। केंद्र सरकार चीन से निकलकर भारत में निवेश का इरादा रखने वाली कंपनियों के लिए अलग से नीति बनाने की तैयारी कर रही है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि चीन से बाहर निकलने वाले उद्योग, निश्चित रूप से भारत की तरफ देख रहे हैं। अब सरकार के लिए उनके साथ कदम मिलाना जरूरी है। मैं इसके लिए नीति तैयार करके उनसे संपर्क करूंगी और उन्हें बताऊंगी कि भारत किस तरह उनके लिए ज्यादा अनुकूल स्थान हो सकता है।
वित्त मंत्री ने आगे कहा, भारत निवेश के लिए सबसे बेहतर विकल्प हो सकता है। जो कंपनियां वियतनाम में काम कर रही हैं, अब वहां कारोबार विस्तार के हिसाब से मैन पॉवर उपलब्ध नहीं है। भारत और अमेरिका के बीच व्यापार को लेकर सीतारमण ने कहा कि दोनों देशों के बीच जल्द व्यापार समझौता हो सकता है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में शनिवार को अमेरिकी वित्त मंत्री स्टीवन न्यूकिन से मुलाकात के बाद सीतारमण ने कहा कि दोनों देश की सरकारें व्यापार समझौते पर तेज गति से काम कर रही हैं और जल्द ही मुद्दे पर कुछ सहमति बन सकती है। बता दें कि वित्त मंत्री ने आईएमएफ में भारत का कोटा नहीं बढ़ाने पर निराशा जताई है।
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