नई दिल्ली: PMC Bank (पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक) आज एक बात फिर सुर्खियों में आया जब लोकसभा में इस मामले पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बयान दिया है । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक घोटाले के बारे में लोकसभा में कहा कि बैंक के 78 फीसद जमाकर्ताओं को अब अपनी पूरी रकम बैंक से निकालने की अनुमति है। उन्होंने कहा कि जहां तक बैंक के प्रमोटर्स की बात है तो हमने यह सुनिश्चित किया है कि उनकी जब्त की गई संपत्तियां कुछ खास शर्तों के साथ भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को दी जा सकती है, जिससे इन संपत्तियों की निलामी की जा सके और इससे प्राप्त राशि जमाकर्ताओं को दी जा सके।
Finance Minister Nirmala Sitharaman in Lok Sabha on PMC bank scam:As regard to promoters,we have ensured that the attached properties of the promoters can be given to RBI under certain conditions, so those properties can be auctioned out and the money can be given to depositors. https://t.co/3HryJmm5qP
— ANI (@ANI) December 2, 2019
पंजाब एवं महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक (PMC Bank) घोटाले में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने बीते महीने दो ऑडिटर्स को गिरफ्तार किया था। अब तक इस मामले में सात गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। बैंक के शीर्ष प्रबंधन और एचडीआइएल के प्रमोटरों समेत पांच लोग पहले गिरफ्तार किए गए थे। PMC Bank में घोटाले के वक्त दोनों ऑडिटर जयेश संघानी और केतन लकड़ावाला ऑडिटर के तौर पर कार्यरत थे और उन्होंने अनियमितताओं को छिपाने में बैंक के कुछ शीर्ष अधिकारियों के साथ महत्पपूर्ण भूमिका निभाई थी।जानकारी के लिए बता दें कि पीएमसी बैंक में फाइनेंशियल फ्रॉड लगभग एक दशक से चल रहा था।
जांच अधिकारियों के अनुसार, जॉय थॉमस की अगुआई में बैंक प्रबंधन ने कंस्ट्रक्शन कंपनी HDIL को फंड दिलाने के लिए हजारों फर्जी अकाउंट खोले हुए थे। यह खेल करीब 10 साल से चल रहा था। नियामक को शुरुआत में पता चला कि थॉमस और प्रबंधन के कुछ लोगों ने मिलकर 4,226 करोड़ रुपये (बैंक के कुल कर्ज का 73 फीसद हिस्सा) केवल एक ही कंपनी एचडीआइल को दिया थे जो दिवालिया हो गई है।
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