नई दिल्लीः एक तरफ देश की कमजोर अर्थव्यवस्था से उद्योग जगत हलकान है तो दुसरी तरफ वित्त मंत्रालय देश के अर्थव्यवस्था को 5 लाख करोड़ डॉलर की बनाने के जूगत में लगी है। मंत्रालय ने इसी संबंध में देशभर की सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को उनकी शाखा स्तर से लेकर हर स्तर के अधिकारियों से मांगे गए हैं। यह अभियान लगभग एक महीने तक चलेगा, जिसे बैंकिंग क्षेत्र के आगे के विकास के लिए रुपरेखा तैयार करने में सहायता मिलेगी।
इसमें बैंक शाखा स्तर से लेकर राज्य स्तर एवं राष्ट्रीय स्तर तक के अधिकारियों को इस प्रक्रिया में शामिल करने को कहा गया है। पत्र में कहा गया है कि इस विचार-विमर्श प्रक्रिया का लक्ष्य बैंकिंग क्षेत्र को राष्ट्रीय हितों के अनुसार रखने, बेहतर सुझाव प्राप्त करने और स्थानीय स्तर के बैंकरों में समावेश की भावना को मजबूत करना है। इसका लक्ष्य अगले पांच साल में भारत की वृद्धि की कहानी में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को सक्रिय साझीदार के तौर पर शामिल करने का भी है।
देश ने 2024-25 तक पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखा है। बता दे कि इन दिनों आथिक नरमी के कारण कई उद्योग बदहाल हैं और वह सरकार से किसी प्रोत्साहन पैकेज की उम्मीद में लगाए हुए हैं। वाहन उद्योग इसी मंदी से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है और इसी सेक्टर में सबसे अधिक नौकरियां खत्म हुई हैं। सरकार पर अर्थव्यवस्था को सही करनेै का काफी दवाब है।
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