नई दिल्ली: वर्ष 2016 में पार्थसारथी शोम के नेतृत्व वाले टैक्स प्रशासन सुधार आयोग (TARC) ने सरकार के समक्ष एक प्रस्ताव रखा था. इस प्रस्ताव के तहत CBDT और CBIC को मर्ज करने सलाह दी गई थी. पिछले कुछ दिनों से ये चर्चा थी कि सरकार आयोग की अनुशंसा पर विचार कर रही है.
हालांकि, अब वित्त मंत्रालय ने बयान दिया है कि CBDT और CBIC को मर्ज करने का कोई इरादा नहीं है. मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि, ‘‘सरकार के पास ‘सेंट्रल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू एक्ट, 1963 के तहत गठित दोनों बोर्ड के मर्जर का कोई प्रस्ताव नहीं है.’’ मंत्रालय के मुताबिक, TARC की रिपोर्ट पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया, किन्तु सरकार ने विलय की सिफारिश को स्वीकार नहीं किया.वित्त मंत्रालय के बयान के अनुसार, संसद में पूछे गये सवाल के जवाब में भी सरकार ने इस संबंध में आश्वस्त किया था. इस तथ्य को 2018 में सरकारी आश्वासन समिति के सामने रखा गया था. TARC की सिफारिशों पर कार्रवाई रिपोर्ट राजस्व विभाग की वेबसाइट पर मौजूद हैं और उसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि इस सिफारिश को स्वीकार नहीं किया गया है.
दरअसल, TARC का गठन टैक्स नीतियों और कानून के इस्तेमाल की समीक्षा करने के अतिरिक्त इनकम टैक्स प्रशासन में आवश्यक सुधारों के संबंध में सिफारिश देने के लिये किया गया था. आयोग ने 385 सिफारिशें दी थी. जिनमे से 291 CBDT से और 253 CBIC से संबंधित थी. बता दें कि CBDT और CBIC प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष टैक्स नीति बनाने वाले निकाय हैं.
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