हांगकांग। एक तरफ तो चीन दुनिया भर में पाने आप को पूरी तरह लोकतान्त्रिक देश बताते हुए कहता फिरता है कि उसके देश में जनता के साथ-साथ मीडिया को भी अपनी बात कहने और खुल कर लोगों के सामने रखने की पूरी छूट है, लेकिन दूसरी तरफ इस देश से कई ऐसे मामले भी सामने आते रहते है जो चीन के इन दावों को पूरी तरह खोखला साबित करते है। ऐसा ही एक और मामला हाल ही में सामने आया है जिसके मुताबिक चीन ने एक पत्रकार को सरकार के खिलाफ लिखने के लिए देश की ब्लैक लिस्ट में डाल दिया है।
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यह मामला हाल ही में चीन की राजधानी बीजिंग से सामने आया है जहाँ चीनी सरकार ने फाइनेंशियल टाइम्स नामक एक प्रसिद्ध अखबार के एक वरिष्ठ पत्रकार को मात्र इसलिए ब्लैक लिस्ट में डाल दिया क्योंकि उसने अखबार में चीनी सेना के खिलाफ एक लेख लिख दिया था। आपको बता दें कि ब्लैक लिस्ट एक ऐसी सूचि होती है जिसमे देश के ऐसे आरोपियों या अपराधियों के नाम शामिल किये जाते है जिनसे देश को खतरा महसूस होता है और फिर इस सूचि में मौजूद सभी लोगों के हर एक कदम पर कड़ी निगरानी रखी जाती है।
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गौरतलब है कि चीन द्वारा इतनी छोटी से बात पर पत्रकार को ब्लैक लिस्ट में डाले जाने को लेकर ब्रिटैन काफी सख्त हो गया है। ब्रिटैन सरकार ने इस मामले को लेकर चीन की सरकार से ‘तत्काल स्पष्टीकरण’ भी माँगा है और जवाब न देने पर सयुंक्त राष्ट्र की बैठक में चीन का विरोध करने के साथ ट्रेड वॉर जैसे हालातों की चुनौती भी दे दी है।
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