वास्तु शास्त्र का व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है, जो व्यक्ति के जीवन से संबंधित सभी वस्तुओं के दोषों को दूर करता है. आज हम बात करेंगें वास्तु शास्त्र में दिए गए ताले से सम्बंधित नियमों के विषय में, जो व्यक्ति की मूल्यवान वस्तुओं की रक्षा के लिए उपयोग किया जाता है. लेकिन यदि हम वास्तु को ध्यान में रखकर दिशा के अनुसार ताले का उपयोग करते है, तो इससे चोरी अथवा किसी प्रकार की हानि की संभावना समाप्त हो जाती है. तो आइये जानते हैं ताले से संबंधित नियम कौन से हैं?
वास्तु शास्त्र के अनुसार व्यक्ति को अपने घर की पूर्व दिशा में तांबे का ताला लगाना उचित होता है. क्योंकि पूर्व दिशा सूर्य का स्थान माना गया है. पूर्व दिशा में तांबे के ताले का उपयोग व्यक्ति की वस्तुओं को अधिक सुरक्षा प्रदान करता है.
वास्तु शास्त्र के अनुसार पश्चिम दिशा शनिदेव की दिशा कही जाती है. इसलिए इस दिशा में हमेशा लोहे का मजबूत ताला उपयोग करना चाहिए. यदि ताले का रंग काला हो तो सर्वोत्तम होता है. इस दिशा में तांबे के ताले का उपयोग आपको हानि पहुंचा सकता है.
यदि व्यक्ति उत्तर दिशा में पीतल के ताले का उपयोग करता है, तो इससे उसकी वस्तुओं की सुरक्षा में वृद्धि होती है. इस दिशा में हमेशा सुनहरी रंग के ताले का उपयोग ही करना चाहिए. यदि आपके किसी बड़े शोरूम या प्रतिष्ठानों में ताले की संख्या पांच होती है, तो इसे उत्तम माना जाता है.
यदि आपको ताले का उपयोग दक्षिण दिशा में करना है, तो इस दिशा में पंच धातु के तालों का उपयोग करना चाहिए. यदि पंच धातु के ताले मिलने में समस्या है, तो किसी भी ताले के ऊपर लाल या चेरी रंग लगाकर उसका उपयोग कर सकते हैं.
गलत दिशा में लगाये गये ये पौधे मुसिबतों को आमंत्रित करते हैं
दिशा के अनुसार करें मन्त्रों का जाप होगा फायदा ही फायदा