मॉस्को: रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के बीच फिनलैंड, स्वीडन और तुर्की के प्रतिनिधि NATO के विस्तार को लेकर इस माह बैठक आयोजित करने वाले है। इसमें तीनों देशों के मध्य नाटो के विस्तार पर चर्चा भी की जाने वाली है। फिनलैंड के विदेश मंत्री पेक्का हाविस्टो ने इसकी सूचना जारी कर दी है। मीडिया ने शुक्रवार को हाविस्टो के हवाले से बोला है कि जून में मैड्रिड में नाटो शिखर सम्मेलन से कुछ वक़्त पहले तीन राज्यों द्वारा हस्ताक्षरित ज्ञापन के आधार पर फिनलैंड में चर्चा जारी रखने की बात भी बोली गई है।
तुर्की ने बनाया था स्वीडन-फिनलैंड पर दबाव: खबरों का कहना है कि इस समझौते से पहले स्वीडन और फिनलैंड की पश्चिमी सैन्य गठबंधन में शामिल होने की योजना को तुर्की रोक्नने में लगा हुआ था। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने 2 स्कैंडिनेवियाई देशों पर सीरियाई YPG कुर्द मिलिशिया के सदस्यों के साथ-साथ गुलेनिस्ट आंदोलन के सदस्यों को शरण देने का इल्जाम भी लगाया था। खबरों का कहना है कि सीरियाई वाईपीजी को कुछ लोग आतंकवाद से जुड़ा मानते हैं, लेकिन कुछ पश्चिमी देश इन्हें इस्लामी चरमपंथी समूहों के विरुद्ध सबसे प्रभावी लड़ाई बल मानते हैं।
तीनों देशों के प्रतिनिधियों की बीच होगी बैठक: इस समझौते में फिनलैंड और स्वीडन देशों ने तुर्की को राष्ट्रीय सुरक्षा का वादा भी कर लिया है। साथ ही उन्होंने निर्वासन को आसान बनाने का भी विश्वास दिलाया है। हाविस्टो ने इस बारें में कहा है कि तीन देशों के प्रतिनिधियों की बैठक फिनलैंड, स्वीडन और तुर्की में बारी-बारी से हो सकती है।
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