फिनलैंड 16 सालों में पहली बार आइस हॉकी स्पर्धा के फाइनल में अपना स्थान बना लिया है। उसने सेमीफाइनल में स्लोवाकिया पर 2-0 से जीत अपने नाम कर लिया है। पहला गोल सकारी मैनिनेन ने पहले पीरियड में कर दिया है। दूसरा गोल हैरी पेसोनेन ने दागा है। फिनलैंड को अपने पहले गोल्ड की तलाश है। फिनलैंड की फाइनल में गत चैंपियन रूसी ओलंपिक समिति या स्वीडन के मध्य होने वाले मैच के विजेता से होने वाली है।
कामिला से कोच के बर्ताव पर बाक नाखुश: रूसी ओलंपिक समिति के 15 वर्ष की स्केटर कामिला वेलिवा के लिए ये खेल विवादास्पद और निराशाजनक भी थे। पहले वह डोप टेस्ट में विफल हो चुकी है जिससे उनका टीम चैंपियनशिप में जीते गोल्ड मैडल का समारोह अब तक नहीं हो सकते है।
जिसके उपरांत विशेष अनुमति पाकर फ्री स्केट स्पर्धा में उतरी लेकिन दो बार गिरने से वह चौथे स्थान पर आकर पदक से वंचित हो चुके है। हालांकि अगर वह जीत जातीं तो इस स्पर्धा का पदक समारोह भी अधर में आ कर लटक चुके है। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के प्रमुख थामस बाक कामिला के कोच के बर्ताव से नाखुश हैं।
उनका बोलना है कि 15 वर्ष की एक खिलाड़ी जो इन खेलों में डोप टेस्ट प्रकरण की वजह से पहले मानसिक यंत्रणा के दौर से गुजर रही है, उसको गले लगाने या हमदर्दी जताने के स्थान पर कोच ने उनसे यह पूछा कि तुम चूक कैसे गईं, तुमने संघर्ष क्यों नहीं किया।
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