जिस 'अंसारी परिवार' पर कांग्रेस ने लुटाया भरपूर प्यार ! उसमे बाप-बेटा और बहु सब निकले गुनहगार - रिपोर्ट

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लखनऊ: चित्रकूट की रगौली जेल पर 10 फ़रवरी को मारे गए छापे के बाद एक कमरे से माफिया मुख्तार अंसारी की बहू और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के विधायक अब्बास अंसारी की पत्नी निखत पकड़ी गई थी। निखत जेल में कैद अपने शौहर अब्बास अंसारी से हर दिन मिलने जाती थी और जेल के कमरे में उसके साथ 3-4 घंटे साथ बिताती थी। इस संबंध में दर्ज की गई प्राथमिकी से यह बात सामने आई है कि यह सबकुछ अब्बास को जेल से भगाने के लिए किया जा रहा था। निखत के मोबाइल से अब्बास जेल में बैठकर अपने गुर्गों को आदेश दिया करता था।

बता दें कि, रगौली चौकी इंचार्ज सब इंस्पेक्टर श्याम देव सिंह की शिकायत के आधार पर 11 फरवरी को यह प्राथमिकी दर्ज की गई है। FIR के अनुसार, निखत अंसारी जेल के कुछ स्टाफ के साथ मिलीभगत कर अब्बास को फरार करवाने की योजना बना रही थी। साथ ही अब्बास अंसारी अपने मुक़दमे से जुड़े पुलिसकर्मियों, गवाहों और अभियोजन पक्ष के लोगों का क़त्ल करवाने की साजिश में था। निखत ने बताया है कि अब्बास जेल में उसे उन लोगों के नाम बताता था, जिन्हें धमकाना होता था। निखत ने अब्बास के कुछ गुर्गों के नाम भी उगले हैं, जिन्हें वह जेल से आदेश दिया करता था। इन गुर्गों से अब्बास कहता था कि पहले तो गवाहों को उसके खिलाफ गावहि न देने के लिए धमकाओ और जो न माने उसे रास्ते से हटा दो यानी मार डालो।

FIR के अनुसार, जेल में निखत अंसारी के पास से 2 मोबाइल फोन, 21 हज़ार रुपए नकद के साथ 12 रियाल (विदेशी मुद्रा) बरामद हुए थे। इसके साथ ही कुछ सोने के जेवरात भी मिले थे, जिन्हे पुलिस ने जब्त कर लिया। FIR के अनुसार, जब निखत से उनका फोन माँगा गया, तो उन्होंने पुलिसकर्मियों को गंभीर अंजाम भुगतने की धमकी तक दे डाली थी। पुलिस ने जब जांच करने के लिए निखत से मोबाइल का पासवर्ड पूछा, तो उन्होंने गलत पासवर्ड बताए। पुलिस ने बताया है कि, निखत ने मोबाइल से कुछ डाटा डिलीट करने का भी प्रयास किया।

FIR के अनुसार, अब्बास अंसारी की पत्नी निखत का नाम जेल के एंट्री रजिस्टर पर दर्ज नहीं किया जाता था। वह लगभग रोज़ाना ही 11 बजे सुबह अपने शौहर अब्बास के पास जेल पहुँच जाती थी। 3 से 4 घंटे जेल में बिताने के बाद वापस चली जाती थी। निखत को उनका ड्राइवर नियाज जेल लाने और ले जाने का काम करता था। मुलाकात के दौरान निखत अब्बास को पैसे भी देती थी, जिसका उपयोग अब्बास जेल में सुविधा प्राप्त करने के लिए करता था। 

प्राथमिकी में यह भी बताया गया है कि जेल में अनियमितता की निरंतर शिकायतें मिलने के बाद 10 जनवरी 2023 को चित्रकूट जिले की पुलिस अधीक्षक (SP) वृंदा शुक्ला और जिलाधिकारी (DM) अभिषेक आनंद वहाँ बगैर किसी को सूचित किए अचानक पहुँच गए थे। SP ने वर्दी नहीं पहनी थी और DM भी अपनी सरकारी गाड़ी छोड़ कर निजी वाहन से जेल का दौरा करने गए थे। कुछ देर बाद पुलिस की स्वाट टीम के इंस्पेक्टर श्याम प्रताप पटेल भी वहीं तलब कर लिया गया। इसके बाद जेल में तलाशी शुरू की गई। तलाशी के दौरान अब्बास अपनी बैरक में नहीं मिला। पता चला कि वो जेल अधीक्षक के ऑफिस के बगल वाले रूम में अपनी पत्नी निखत के साथ मुलाकात कर रहा है।

रिपोर्ट के अनुसार, जब प्रशासनिक अमला वहाँ पहुँचा, तब तक जेल के कर्मचारी अब्बास को उस कमरे से चुपके से निकालकर ले जा चुके थे। कमरे में सिर्फ निखत अंसारी मिली। जब उनकी तलाशी ली गई, तो उन्होंने पुलिस को ही धमकी दे डाली। बाद में निखत को ड्राइवर नियाज़ के साथ अरेस्ट कर लिया गया। FIR में जेल अधीक्षक समेत ड्यूटी पर तैनात अन्य कर्मचारी भी नामजद किए गए हैं। 

अफसरों को हिसाब-किताब की धमकी:-

इससे पहले अब्बास अंसारी ने 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान पुलिस अफसरों और अन्य अधिकारियों को धमकी देते हुए कहा था कि, 'मेरी अखिलेश यादव जी से बात हो गई है, उन्हें मैंने कह दिया है कि, (सपा की) सरकार बनने के बाद किसी भी अधिकारी का तबादला या पोस्टिंग नहीं की जाएगी, पहले उनका हिसाब-किताब किया जाएगा। उसके बाद ही किसी का ट्रांसफर या पोस्टिंग की जाएगी।' बताया गया था कि, अब्बास उन अफसरों को धमका रहे थे, जिन्होंने उनके माफिया पिता मुख़्तार अंसारी के खिलाफ कार्रवाई की थी, सपा की सरकार बनने के बाद उन पुलिसकर्मियों का हिसाब-किताब किया जाना था। लेकिन, राज्य में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी और मनी लॉन्डरिंग के आरोप में खुद अब्बास अंसारी जेल पहुँच गए और अब जेल में उन्हें मोबाइल और अन्य सामग्री देने के आरोप में उनकी पत्नी निखत की गिरफ़्तारी हुई है।  

मुख़्तार अंसारी और कांग्रेस:-

बता दें कि, अब्बास अंसारी के पिता माफिया मुख़्तार अंसारी के कांग्रेस के साथ पुराने पारिवारिक संबंध रहे हैं, गैंगस्टर के दादा मुख़्तार अहमद अंसारी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। और 10 साल तक देश के उपराष्ट्रपति रहे हामिद अंसारी, मुख़्तार के चाचा हैं। बता दें कि, हामिद अंसारी पर भी उपराष्ट्रपति रहते समय RAW एजेंट्स की जान खतरे में डालने के आरोप लगे थे। कांग्रेस से इन्ही संबंधों का नतीजा था कि, पंजाब की कांग्रेस सरकार ने मुख़्तार को अपनी जेल में रोके रखने के लिए हर संभव कोशिश की थी। बाद में पता चला था कि, पंजाब सरकार मुख़्तार को जेल में VIP ट्रीटमेंट दे रही थी। पंजाब की AAP सरकार में मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने दावा किया था कि, पूर्व की कांग्रेस सरकार ने मुख़्तार को जेल में VIP ट्रीटमेंट दिया और 55 लाख रुपए सुख-सुविधाओं पर खर्च किए। बता दें कि, मुख्तार पंजाब की जेल में 2 साल 3 महीने तक बंद रहे। बाद में अदालत के आदेश पर मुख्तार को यूपी की बांदा जेल में शिफ्ट किया गया। बता दें कि मुख़्तार अंसारी पर हत्या, लूट, अपहरण, फिरौती के कई मामले दर्ज हैं, जिसमे से अकेले 302 यानी हत्या के ही 18 मामले हैं, ये तो वो मामले हैं, जो पुलिस थानों के रिकॉर्ड में हैं, इसके अलावा न जाने कितने और अपराध होंगे, जो राजनीति की सफ़ेद पोशाख में छुपे हुए होंगे और सियासी संरक्षण के चलते दबा दिए गए होंगे। 

 

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