चंडीगढ़: कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल पर महिला मित्र को हरियाणा चुनाव में टिकट देने को पार्टी की हार का एक कारण बताने वाले पत्रकार अशोक वानखेड़े के खिलाफ हैदराबाद के एलबी नगर में एफआईआर दर्ज करवाई गई है। वानखेड़े ने यह बात एक यूट्यूब चैनल पर कही थी, और यह वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था।
Case filed against Ashok Wankhede for saying that KC Venugopal gave ticket to his female friend, which whole Faridabad knows.
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) October 30, 2024
Also against Amit Malviya for sharing this video https://t.co/44f5uMRkuV pic.twitter.com/g6wGtUmSsd
इसके बाद भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने इस वीडियो को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा किया, जिससे उन्हें भी इस एफआईआर में नामित कर दिया गया है। इस विवाद की शुरुआत हरियाणा चुनाव के बाद हुई, जब अशोक वानखेड़े ने केसी वेणुगोपाल पर आरोप लगाया कि उन्होंने चुनाव में पार्टी हित से अधिक निजी संबंधों को तरजीह देते हुए महिला मित्रों को टिकट दिया और हरियाणा को "पैसे कमाने और व्यभिचार" का अड्डा बना दिया। वानखेड़े का दावा है कि इसी वजह से हरियाणा में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा।
एफआईआर में शामिल आरोपों के कारण यह मामला राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। कांग्रेस का कहना है कि ये आरोप बेबुनियाद और पार्टी की छवि को धूमिल करने वाले हैं। दूसरी ओर, यह सवाल भी उठने लगा है कि एक पत्रकार पर उसकी बात रखने के लिए एफआईआर करना, क्या यह प्रेस की आज़ादी का उल्लंघन नहीं है? कांग्रेस, जो लंबे समय से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और प्रेस की आज़ादी की वकालत करती आई है, क्या पत्रकार पर आपराधिक मामला दर्ज कर सही कदम उठा रही है?
इस मामले से यह बहस छिड़ गई है कि क्या किसी पत्रकार के बयान पर एफआईआर करना एक राजनीतिक दल के खुलेपन और स्वतंत्रता की रक्षा करने के दावों के विपरीत है। क्या कांग्रेस का यह कदम प्रेस की स्वतंत्रता का दमन करने की ओर संकेत नहीं करता?
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