मुंबई: महाराष्ट्र के अमरावती के एक युवक के पास कॉल आया तो उसके हाथ-पैर कांपने लग गए. वह समझ गया कि उसे सेक्सटॉर्शन के केस में फंसा दिया गया है. मरता क्या ना करता. किसी तरह उसने UPI पर 52 हजार 850 रुपए ट्रांसफर कर अपना पीछा भी छुड़वा लिया है. यह तो सही था कि अमरावती के वरुड में रहने वाले 20 वर्ष के वीरेंद्र नाम के युवक ने वीसी कॉल के माध्यम से लड़की से बात की थी और वह डेटिंग ऐप का उपयोग भी कर रहे है. लेकिन न्यूड कॉल का आरोप लगाते हुए केस को सेटल करवाने वाला DSP फर्जी था. वीरेंद्र अपनी इज्जत बचाने के लिए सेक्सटॉर्शन में लुट गया था.
बता दें कि जब वीरेंद्र को यह बात समझ आई कि उसे लूट लिया गया है, तब उसने स्थानीय वरूड पुलिस में इसकी शिकायत भी दर्ज करवा दी है. वरूड पुलिस के हस्तक्षेप से मध्य प्रदेश में तीन आरोपियों के विरुद्ध ठगी का मामला भी दर्ज किया जा चूका है. वीडियो कॉल पर बात करने वालों का अलग-अलग सॉफ्टवेयर का उपयोग करते हुए दोनों तरफ के व्यक्तियों को न्यूड बताया जाता है और वीडियो वायरल करने की धमकी दी जाती है और पैसे ऐंठे जाते हैं. ऐसा ही वीरेंद्र के साथ 26 नवंबर 2022 को हुआ.
वीरेंद्र ने प्ले स्टोर से रैंडम कॉल नाम से सर्च भी किया गया था. ऐसा करते हुए उसे वीडियो कॉल लाइव टॉक ऐप डाउनलोड करने को बोला गया. ऐप डाउनलोड कर के वीरेंद्र एक लड़की के साथ काफी देर तक वीडियो चैट भी कर रहा है. इसी के उपरांत उसे FIR की धमकी देते हुए कॉल आया और उससे पैसे ऐंठे गए. इस केस में 23 जनवरी को वरूड पुलिस ने केस भी दर्ज करवा चुके है. बता दें कि वसूली को एक्सटॉर्शन कहते हैं लेकिन जब सेक्शुअल बिहेवियर का इल्जाम लगाते हुए जब वसूली की जाती है तो उसे सेक्सटॉर्शन कहा जाता है.
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