लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक बड़ा घोटाला प्रकाश में आया है. जानकारी के मुताबिक, लखनऊ विकास प्राधिकरण के कंप्यूटर रिकॉर्ड में छेड़छाड़ करके गलत डाटा से भूखंड आवंटन के 498 मामले दर्ज हुए हैं. इस मामले में लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) की ओर से तहसीलदार और कंप्यूटर सिस्टम की निगरानी का कार्य करने वाली डीजी टेक प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.
लखनऊ विकास प्राधिकरण की तरफ से तहसीलदार राजेश शुक्ला और डीजी टेक प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. इस मामले में लखनऊ विकास प्राधिकरण के कई अन्य अधिकारियों को भी आरोप पत्र दिए गए हैं. बता दें कि इससे पहले लखनऊ विकास प्राधिकरण के 52 भूखंड के कंप्यूटर रिकॉर्ड में हेराफेरी का केस दर्ज कराया गया था. जब इस घोटाले में जांच आरंभ हुई, तो पता चला कि डिजिटल डाटा कंपनी के कर्मचारियों ने लखनऊ विकास प्राधिकरण से डिजिटलाइजेशन के लिये प्राप्त किये डाक्यूमेंट्स में हेराफेरी की है.
यही नहीं डिजिटल डाटा कंपनी के कर्मचारियों ने सर्वर का गलत इस्तेमाल करते हुए जमीनों के मूल आवंटियों के नाम बदलकर फर्जी लोगों के नाम डाल दिए और उनके नाम से फर्जी कागज़ात भी तैयार कर दिए. लखनऊ के कई इलाकों में विकास प्राधिकरण के प्लॉट्स में छेड़छाड़ की गई है. बताया जा रहा है कि इस केस में अभी जांच जारी है. जांच के दौरान कई अन्य मामलों का खुलासा भी हो सकता है.
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