नई दिल्ली: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के अमेरिका में सिखों के बारे में दिए गए बयान पर विवादास्पद टिप्पणी करने के लिए केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। रेल राज्य मंत्री बिट्टू ने राहुल गांधी के बारे में भड़काऊ टिप्पणी करते हुए आरोप लगाया था कि कांग्रेस नेता सच्चे भारतीय नहीं हैं और उन्होंने सुझाव दिया था कि गांधी को देश का "नंबर एक आतंकवादी" करार दिया जाना चाहिए।
कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के एक पदाधिकारी की शिकायत के बाद बेंगलुरु के हाई ग्राउंड्स पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई थी। बिट्टू ने अमेरिका यात्रा के दौरान सिखों पर गांधी की टिप्पणी की आलोचना करते हुए उन पर अपने देश से प्यार न करने का आरोप लगाया और दावा किया कि आतंकवाद का समर्थन करने वाले लोग गांधी के बयानों की सराहना करते हैं। उन्होंने आगे दावा किया कि गांधी देश के सबसे बड़े दुश्मन हैं और एजेंसियों को उन्हें एक शीर्ष आतंकवादी के रूप में तलाशना चाहिए।
जवाब में, राहुल गांधी ने वर्जीनिया में कहा था कि मुख्य मुद्दा यह है कि क्या भारत में सिखों को पगड़ी पहनने और गुरुद्वारों में जाने की अनुमति है, इस बात पर जोर देते हुए कि चर्चा मौलिक अधिकारों के बारे में है न कि केवल राजनीतिक बयानबाजी के बारे में। इस स्थिति ने भाजपा और कांग्रेस के बीच तनाव को बढ़ा दिया है, और अब बिट्टू के आरोपपूर्ण बयानों के संदर्भ में गांधी की टिप्पणियों की जांच की जा रही है।
बता दें कि राहुल गांधी के हालिया अमेरिकी दौरे पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। वहां विपक्ष के नेता ने जिन लोगों से मुलाकात की है, जैसे बयान दिए हैं, उससे भारत में गुस्सा बढ़ा है। राहुल ने अमेरिका में कहा था कि भारत में सिखों को पगड़ी-कड़ा पहनने और गुरुद्वारा जाने का अधिकार नहीं है। जिसका खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने खुला समर्थन किया था और राहुल के बयान को हथियार बनाकर खालिस्तान की मांग को जायज ठहराया था। इसी बयान को लेकर बिट्टू ने उन्हें आतंकी कह दिया। फिर राहुल ने एक और बयान में आरक्षण ख़त्म करने की बात कह दी। जिससे मायावती, जीतनराम मांझी, चिराग पासवान, रामदास अठावले जैसे दलित नेता नाराज़ हुए।
इस बीच राहुल गांधी ने अमेरिकी डिप्लोमेट डोनाल्ड लू से मुलाकात की, जिस पर पाकिस्तान और बांग्लादेश में सरकारें गिराने का आरोप है। राहुल की इस बैठक को भी भारत में तख्तापलट की कोशिश के रूप में देखा गया, खासकर तब, तब विपक्षी नेता भारत में बांग्लादेश जैसी स्थिति पैदा होने की धमकियां दे रहे हैं। राहुल ने भारत विरोधी सांसद इल्हाना उमर से भी मुलाकात की, जो पाकिस्तान समर्थक और ISI एजेंट मानी जाती है। इस पर तो खुद कांग्रेस नेता लक्ष्मण सिंह ने राहुल गांधी को निशाने पर लेते हुए लिखा था कि बस करो नेताजी, बहुत हो गया। वैसे कोई भी आम भारतीय नागरिक यही सोचेगा कि राहुल ऐसे बयान क्यों दे रहे हैं, जिनका सच्चाई से कोई वास्ता नहीं ? और ऐसे लोगों से क्यों मिल रहे हैं, जिनके दिलों में हर समय भारत के लिए नफरत पलती रहती है ?
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