नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने सबोर्डिनेट सर्विस सेलेक्शन बोर्ड (DSSSB) के अधिकारियों पर FIR को रोकने के लिए लगाई गई याचिका को ठुकरा दिया है. इसके बाद कड़कड़डूमा कोर्ट के इसी साल फरवरी में दिए गए आदेश पर प्राथमिकी दर्ज की जा सकती है. दरअसल, वर्ष 2018 और 2019 में प्राइमरी टीचरों की भर्ती के लिए DSSSB द्वारा परीक्षा करवाई गई थी.
इस परीक्षा के प्रश्न पत्र में अनुसूचित जाति और जनजाति से संबंधित कुछ ऐसे सवाल थे, जो अपमानजनक थे. इसी को लेकर DSSSB के चेयरमैन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग को लेकर वकील सत्य प्रकाश गौतम की ओर से एक याचिका लगाई गई थी. हालांकि, कड़कड़डूमा कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान इस मामले में DSSSB के चेयरमैन संतोष वैद्य ने गत वर्ष यह कहकर पल्ला झाड़ लिया था कि जिस समय यह पेपर सेट किए गए, उस समय वह चेयरमैन नहीं थे.
हालांकि, DSSSB की ओर से इस मामले में अदालत में अपमानजनक सवालों को लेकर माफी अवश्य मांगी गई थी, किन्तु किसी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई. अब उच्च न्यायालय के याचिका खारिज करने के बाद माना जा रहा है कि कुछ अधिकारिकयों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई जा सकती है.
जोशीमठ-मलारी हाईवे बुरी तरह से हुआ दुर्घटनाग्रस्त, बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग को किया गया बंद