नई दिल्ली : राजधानी के समीप नूरपुरबेदी-रोपड़ मार्ग पर स्थित नई आबादी मोहल्ला में एक झोपड़ी में सोमवार दोपहर अचानक आग लगने से तीन मासूम जिंदा जल गए। घटना के समय माता-पिता घर पर नहीं थे और बच्चे सो रहे थे। मां जाते हुए झोपड़ी का दरवाजा बाहर से बंद कर गई थी। आग लगने का कारण शार्ट सर्किट माना जा रहा है।
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ऐसे हुआ दर्दनाक हादसा
जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद शहर का रहने वाला राजकुमार राज मिस्त्री का काम करता है। वह दिहाड़ी पर गया था। उसकी पत्नी जूली अपने तीन बच्चों को झुग्गी में सोते हुए छोड़कर लकड़ियां लाने गई थी। दोपहर करीब ढाई बजे अचानक झुग्गी में आग लग गई। आसपास के लोगों ने मोटर चलाकर पानी का प्रबंध किया और 15 मिनट में आग पर काबू पा लिया। जब वे अंदर पहुंचे तो पांच वर्षीय मासूम शिवम की मौके पर मौत हो गई थी।
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कई सदस्यों ने तोड़ा दम
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार लोगों ने बुरी तरह झुलसी चार वर्षीय रोशनी और दो वर्ष के बिराज को सरकारी अस्पताल सिंहपुर पहुंचाया। हालत नाजुक देखते हुए उन्हें पीजीआई चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया। सिराज ने रास्ते में दम तोड़ दिया और रोशनी की कुछ देर के बाद पीजीआई में मौत हो गई। पीड़ित परिवार की रिश्तेदार ने बताया कि लकड़ियां लेने गई मां सो रहे बच्चों की हिफाजत के लिए जाते समय झुग्गी का दरवाजा लगाकर गई थी। उसने रोते हुए कहा कि अगर दरवाजा न लगा होता तो शायद बच्चे बच सकते थे।
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