चंडीगढ़: हरियाणा के मुस्लिम बहुल इलाके मेवात में सोमवार (31 जुलाई) को भारी हिंसा हुई थी। हिंसा में 2 होमगार्ड जवानों और एक नागरिक का कत्ल कर दिया गया। वहीं, 60 से अधिक लोग घायल हो गए, जिनमें दर्जनों पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। पुलिस समेत बृजमंडल जलाभिषेक यात्रा में शामिल लोगों के 30 से ज्यादा वाहनों को या तो तोड़ डाला गया है या आगे के हवाले कर दिया गया।
-IsIamists : If Monu Manesar comes Nuh to participate in Shobhayatra, we will set the area on fire
— Mr Sinha (@MrSinha_) August 1, 2023
-They got ready with explosives, weapons etc
-Monu didn't come
-They started violence anyway
Now who's being blamed for violence?
Monu Manesar
तनाव के मद्देनज़र नूहं, गुरुग्राम, रेवाड़ी और फरीदाबाद में धारा 144 लगा दी गई है। स्कूल-कॉलेजों के साथ-साथ इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई है। मुस्लिम बहुल इलाके में दंगाइयों के बीच फँसे लोगों को निकालकर नूहं पुलिस लाइन लाया गया है। रेस्क्यू किए गए लोगों का दावा है कि हिंसा की साजिश कम-से-कम 6 महीने पहले से की जा रही थी। एक न्यूज़ चैनल ने हिन्दू संगठन से संबंधित उन लोगों का इंटरव्यू लिया है, जिन्हें नल्हड शिव मंदिर से पुलिस दंगाइयों से बचाते हुए निकालकर लाइ है। बचाए गए लोगों में एक साधु ने बताया है कि, 'हिन्दुओं की पहली बस, जो मंदिर में जल चढ़ाकर लौट रही थी, उसे 1 किलोमीटर बाद जला दिया गया। इसके बाद 14-15 और गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया।'
The police force is rescuing Hindu families after attacks from the peaceful community. #Haryana #Mewat #Mewatviolence #HindusUnderAttack #Sohna #Nuh #NuhStonePelting #Monu_Manesar #हरियाणा pic.twitter.com/bZq0RH2ozE
— Sourabh Bari Jhunjhunwala (@thesourabhbari) August 1, 2023
पीड़ित ने आगे बताया कि मामले की सूचना मिलने पर कुछ हिन्दू घटना के बारे में जानने गए, तो उनकी गाड़ियों को भी जला दिया गया। पीड़ित ने बताया है कि उन पर हमले के लिए आतंकवादियों द्वारा AK 47 से भी फायरिंग की गई। एक अन्य पीड़ित ने कहा कि, “प्राचीन शिव मंदिर 3 ओर से पहाड़ों से घिरा है। तीनों तरफ से फायरिंग हुई।' आरोप है कि पुलिस ने पहुँचने के बाद जवाबी गोलीबारी की, लेकिन पुलिस पर भी तक़रीबन एक घण्टे तक गोलियाँ चलीं।
लोगों ने जानकारी दी है कि हमले के दौरान मंदिर में फँसे श्रद्धालुओं की तादाद 6 से 7 हजार थी। पूरी बृजमंडल यात्रा में अनुमानित लोगों की संख्या 25 हजार बताई गई है। लोगों ने बताया कि वो हिंसा के कारण मंदिर के भीतर तक़रीबन 7 घंटे तक फँसे रहे। बचाकर लाए गए एक अन्य श्रद्धालु ने बताया है कि, '14 साल के लड़के भी हथियार चला रहे थे। ये साजिश 6 महीने से की गई थी।' वहीं, कट्टरपंथियों कह रहे हैं कि, गौरक्षक मोनू मानेसर के कारण हिंसा भड़की, हालाँकि, मोनू मानेसर मेवात गया ही नहीं था, न हिंसा के पहले और न ही बाद में।
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