पीएम नरेंद्र मोदी ने झारखंड के जमशेदपुर में कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा पर जमकर निशाना साध दिया है. पीएम मोदी ने बोला है कि कांग्रेस और जेएमएम वालों को विकास के कोई मतलब है ही नहीं. इनको केवल भ्रष्टाचार और झूठ बोलने से मतलब है. पीएम मोदी ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा है कि कांग्रेस और जेएमएम ने अपने घरों में काली कमाई का अंबार लगा कर रखा हुआ है.
पीएम मोदी ने ये भी बोला है कि कांग्रेस और जेएमएम जैसी पार्टियों ने हमारे झारखंड को हर अवसर पर लूटा है. कांग्रेस भ्रष्टाचार की जननी है. कांग्रेस और JMM वालों को विकास का क, ख, ग, घ… भी नहीं मालूम है. इनके मुद्दे गरीब की संपत्ति का एक्स-रे करना, SC-ST-OBC का आरक्षण छीनना, मोदी जी को रोज नई-नई गालियां देना है. इससे आगे और कुछ ये लोग नहीं सोच सकते.
JMM ने आदिवासियों और सेना की जमीनें हड़पीं: खबरों का कहना है कि अपनी बात को जारी रखते हुए पीएम मोदी ने बोला है कि जेएमएम ने झारखंड में जमीन घोटाला किया. इन्होंने गरीब आदिवासियों की जमीनें हड़प ली, सेना की जमीनें हड़पीं. इनके घरों से जो नोटों के पहाड़ बरामद हुए हैं, वे पैसे आपके हैं. मोदी इन बेईमानों के ठिकानों से पैसा बरामद करवा ली है. मैं इन पैसों को सरकार की तिजोरी में ले जाने के लिए बरामद नहीं कर रहा हूं. मैं रास्ता खोज रहा हूं, ये सारे पैसे जिनके हैं, मैं उन गरीबों को इसे लौटाऊंगा. ये मोदी की गारंटी है.
कांग्रेस-JMM को भ्रष्टाचार और वसूली से मतलब: कांग्रेस पार्टी उद्यम करने वालों को देश का दुश्मन भी कहती है. उसके नेता खुलेआम कहते हैं, जो कारोबारी हमें पैसा नहीं देते, हम उन पर हमला करते हैं यानी कांग्रेस और JMM जैसे दलों को देश के उद्योगों से मतलब नहीं है. उन्हें अपने भ्रष्टाचार और वसूली से ही matlab है. कांग्रेस के शहजादे आए दिन उद्योगों, उद्योगपतियों और निवेश का विरोध तक कर rhe है. आने वाले दिनों में कौन उद्योगपति उनके राज्य मे जाकर पूंजी निवेश करेगा? उन राज्यों के नौजवानों का क्या होगा?
परिवारवादी पार्टियों से झारखंड को बचाना है: पीएम ने बोला है कि कांग्रेस जैसे दलों ने कभी आपकी परवाह नहीं की. इन लोगों ने 60 वर्ष तक ‘गरीबी हटाओ’ का झूठा नारा दे डाला है। ये मोदी है, जिसने 25 करोड़ गरीबों को गरीबी से बाहर निकाला. कांग्रेस के शहजादे वायनाड से भागकर चुनाव लड़ने रायबरेली गए हैं. वे सबको कहते घूम रहे हैं कि ये मेरी मम्मी की सीट है. कोई 8 वर्ष का बच्चा स्कूल में पढ़ने जाता है, तब भी वो ये नहीं कहता है कि ये मेरे पापा का स्कूल है, भले ही उसके पापा वहां पढ़े हों. ये परिवारवादी लोग संसदीय सीटों का वसीयतनामा लिख रहे हैं. ऐसी परिवारवादी पार्टियों से झारखंड को बचाकर रखना जरुरी है.
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