कोरोना वायरस ने इस समय सभी को अपने घेरे में लेना शुरू कर दिया है लोग इससे हैरान परेशान है. ऐसे में लोगों को इससे बचाने के लिए प्लाज्मा थेरेपी करने के बारे में कहा गया था. वहीँ कहा जा रहा था कि प्लाज्मा थेरेपी करने से कोरोना पॉजिटिव लोगों को बचाया जा सकता है लेकिन अब जो हुआ है उसे देखकर आपके होश उड़ सकते हैं.
जी दरअसल हाल ही में मुंबई में कोरोना संक्रमित मरीज पर प्लाज्मा थेरेपी का पहला प्रयोग किया गया था. जी दरअसल राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कोविड-19 रोगी पर इस उपचार पद्धति का प्रयोग सफल होने का दावा किया था, लेकिन बृहस्पतिवार को कोरोना संक्रमित की मौत होने की जानकारी सामने आई है. आप सभी को बता दें कि उन्होंने बुधवार को कहा था कि देश में कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित हुए महाराष्ट्र में प्लाज्मा थेरेपी से कोविड-19 रोगी के इलाज का पहला प्रयोग सफल हो गया है. वहीं अब इसके बाद अन्य मरीजों पर भी इसका प्रयोग जारी है.
ऐसे में बीते गुरूवार को मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि लीलावती अस्पताल में जिस कोरोना संक्रमित 52 वर्षीय मरीज पर प्लाज्मा थेरेपी का प्रयोग किया गया था उसकी मौत हो गई. जी हाँ, यानी कहा जा रहा है कि प्लाज्मा थेरेपी बेअसर है और उसका कोई उपयोग नहीं है. ऐसे में कोरोना के मरीजों को कैसे बचाया जाएगा यह एक बड़ा सवाल फिर सामने आकर खड़ा हो चुका है...?
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