नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में अनधिकृत धार्मिक संरचनाओं के ध्वस्तीकरण के मुद्दे पर सियासी तकरार थमने का नाम नहीं ले रही है। उपराज्यपाल (LG) विनय कुमार सक्सेना ने इस मामले को लेकर दिल्ली सरकार पर जमकर निशाना साधा है। LG ने आरोप लगाते हुए कहा है कि दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया अनधिकृत धार्मिक संरचनाओं को विध्वंस से बचाने का ढोंग कर रहे हैं। अनाधिकृत धार्मिक ढांचों को तोड़े जाने के मुद्दे पर डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया का दोहरा चरित्र एक बार फिर उजागर हुआ है।
LG ने बताया है कि सच्चाई यह कि सिसोदिया जिन अनधिकृत धार्मिक संरचनाओं को विध्वंस से बचाने का ढोंग कर रहे हैं, असल में उन ढांचों को ध्वस्त किए जाने की सिफारिश उनकी तरफ से ही की गई थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राजभवन के एक आधिकारिक नोट में कहा गया है कि सिसोदिया जिन अनधिकृत धार्मिक ढांचों को विध्वंस से बचाने का ढोंग कर रहे हैं, खुद सिसोदिया ने ही उन्हें तोड़ने की सिफारिश की थी। यही नहीं इस पर मुखयमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंजूरी भी दे दी थी और इसके बाद इसकी फाइल उपराजयपाल के पास मंजूरी के लिए भेजी गई थी।
बता दें कि सोमवार (20 फ़रवरी) को उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने LG से दिल्ली में बुनियादी ढांचे की विकास परियोजनाओं के लिए मंदिरों, मजारों और गुरुद्वारों के विध्वंस को रोकने का आग्रह किया था। दिल्ली सचिवालय में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए सिसोदिया ने कहा था कि इन धार्मिक संरचनाओं में लाखों श्रद्धालु आते हैं। इनका लोगों के साथ मजबूत भावनात्मक संबंध हैं। इन ढांचों के विध्वंस से दिल्ली की कानून व्यवस्था के बिगड़ने का खतरा उत्पन्न हो सकता है। उपराज्यपाल ने मनीष सिसोदिया के इसी बयान का जवाब दिया है।
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