इस्लामबाद: पाक के मानवाधिकार कार्यकर्ता और भारतीय समुदाय के लोगों ने लंदन स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के बाहर बीते सोमवार यानी 17 फरवरी 2020 को भी प्रदर्शन शुरू कर दिया . जंहा लोग पाक के सिंध प्रांत में एक किशोरी को जबरन मुसलमान बनाने और उसकी शादी एक मुस्लिम व्यक्ति से कराने के विरोध में बीते रविवार यानी 16 फरवरी 2020 से प्रदर्शन करने के लिए उतर गए थे.
प्रदर्शनकारियों में पाकिस्तानी मानवाधिकार कार्यकर्ता भी शामिल, धर्म परिवर्तन पर रोक लगनी चाहिए: मिली जानकारी के अनुसार इस बात का पता चला है कि एक प्रदर्शनकारी ने कहा, 'हम पाकिस्तानी उच्चायोग के बाहर अल्पसंख्यक लड़कियों के मानवाधिकार की रक्षा के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं. वे ईसाई हों, सिख हों या फिर हिंदू. उन्हें अगवा करके जबरन मुसलमान बनाया जा रहा है. 14 वर्षीय किशोरी को भी अगवा करके मुसलमान बनाया गया. हम चाहते हैं कि इस्लामिक धर्म परिवर्तन और खासकर अल्पसंख्यकों के धर्म परिवर्तन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए.'
पाक में 15 जनवरी को नाबालिग लड़की से जबरन इस्लाम कुबूल करवाया गया: वहीं जांच में पता चला है कि सिंध प्रांत के जैकोबाबाद जिले में 15 जनवरी 2020 को अधेड़ युवक ने नाबालिग किशोरी को अगवा कर लिया था. वहीं किशोरी ने कहा था कि उससे जबरन इस्लाम कुबूल करवाया गया. इससे इस्लामिक कट्टरपंथी बौखला गए थे. उन्होंने लड़की को ईश निंदा का दोषी बताते हुए जान से मारने की धमकी दी थी. इसके बाद किशोरी ने कोर्ट में अपना बयान बदल दिया था. इस मामले में सजा सुनाने से पहले कोर्ट ने उसे 11 दिनों के लिए लरकाना जिले के दार-उल-अमन भेज दिया था.
जबरन इस्लाम कुबूल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन: वहीं यह भी कहा जा रहा है कि इस घटना के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन का आयोजन ललकार सोशल फोरम के तत्वावधान में ब्रिटेन का भारतीय समाज कर रहा है. वहीं प्रदर्शनकारियों में इंटरनेशनल फ्रेंड्स ऑफ सिंध के संगठनकर्ता मीर सलीम भी शामिल रहे, जो इसमें हिस्सा लेने के लिए जर्मनी से आए थे.
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