ओटावा. पिछले कुछ सालों में दुनिया भर के कई देशों ने अंतरिक्ष विज्ञान और अंतरिक्ष के छेत्र में बड़ी बढ़त हासिल की है. इन देशों में से एक देश भारत भी है जिसने कुछ महीनों पहले ही अपने एक रॉकेट के जरिये अमेरिका समेत कई देशों के सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक भेजा था. अब इस मामले में दुनिया एक और कदम आगे बढ़ने जा रही है.
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दरअसल रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोसकोसमोस और अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा संयुक्त रूप से एक मिशन को अंजाम देने जा रही है जिसके तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र पर दुनिया के पहले मानवयुक्त अंतरिक्षयान को भेजा जायेगा. यह मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन आगामी सोमवार को रवाना होगा. उल्लेखीय है कि इस मिशन को तक़रीबन दो महीने पहले भी शुरू किया गया था लेकिन तब एक हादसा होने की वजह से इस मिशन को रोक दिया गया था. उस वक्त इसे सुरक्षा जांच के लिए रोक दिया गया था लेकिन अब इस यान को वापस रवाना करने के लिए फिर से तैयार कर लिया गया है.
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गौरतलब है कि अक्टूबर में हुए इस हादसे के बाद अब नासा से एनी मैकक्लेन, रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोसकोसमोस के ओलेग कोनोनेनको और कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी के डेविड सेंट-जैक्स ने इस मिशन की सुरक्षा संबंधी सभी आशंकाओं को ख़ारिज कर दिया है और कहा है कि ऐसे कामों में जोखिम तो होता ही है.
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