दिल्ली विधानसभा चुनाव: बदल गया इतिहास, पहली बार रिकॉर्ड तोड़ नामांकन

दिल्ली विधानसभा चुनाव: बदल गया इतिहास, पहली बार रिकॉर्ड तोड़ नामांकन
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नई दिल्ली: दिल्ली में विधानसभा चुनाव के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि चुनाव के लिए रिकॉर्ड तोड़ नामांकन हुआ है. वहीं दिल्ली के पहले विधानसभा चुनाव 1952 को छोड़ दिया जाए तो बीते 27 वर्ष में कभी भी इतने पर्चे दाखिल नहीं हुए. जंहा बीते मंगलवार यानी 21 जनवरी 2020 की रात 10 बजे तक चुनाव आयोग के पास 1473 नामांकन पत्र दर्ज हुए. देर रात तक नामांकन पत्रों की गिनती चलती रही. जंहा इस बात पर आयोग का कहना है कि नामांकन पत्र की संख्याओं में बढ़ोतरी हो सकती है. 

वहीं यह भी पता चला है कि वर्ष 1952 में करीब 400 नामांकन दाखिल हुए थे. इसके बाद से विधानसभा भंग रही है और फिर 1993 में विधानसभा चुनाव हुआ. उस वक्त सबसे ज्यादा 1316 नामांकन पत्र दाखिल हुए थे. वहीं जिसके बाद से वर्ष 2015 के चुनाव तक इतने नामांकन पत्र कभी दाखिल नहीं हुए. 2008 में नई दिल्ली को विधानसभा बनाया गया था. 2008 के बाद से 2013 और 2015 के चुनाव में यहां 25 से ज्यादा नामांकन कभी नहीं हुए, लेकिन इस बार करीब 96 नामांकन पत्र दाखिल हुए हैं. सबसे ज्यादा मंगलवार को 66 पर्चे जमा हुए. 

वाहन यह भी कहा जा रहा है कि दिल्ली की 70 विधानसभाओं के लिए आगामी 8 फरवरी 2020 को होने वाले मतदान के लिए 21 जनवरी 2020 तक ही नामांकन होने थे. अब 24 जनवरी तक नाम वापस लेने का आयोग ने समय दिया है. जंहा  24 जनवरी 2020 की शाम को ही आयोग दिल्ली चुनाव के अंतिम उम्मीदवारों की सूची जारी करेगा. 11 फरवरी को चुनाव परिणाम का एलान किया जाने वाला है. 

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