भारतीय अर्थ व्यवस्था में जैसे उतार -चढ़ाव आते हैं ,वैसे ही रेटिंग को लेकर भी कभी पक्ष में तो कभी खिलाफ फैसले आते रहते हैं. ऐसा ही एक बार फिर हुआ जब ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच ने भारत का विकास का अनुमान घटा दिया है.एजेंसी को दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ अनुमान से काफी कम दिखाई दे रहा है.
ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच ने 2017-18 में भारत का विकास दर अनुमान 6.9% से घटाकर 6.7% कर दिया है. इसके अलावा फिच ने साल 2019 में विकास दर 7.4 की जगह 7.3 रहने का अनुमान लगाया है .फिच के इस फैसले से मोदी सरकार को झटका लगा है.
बता दें कि इसके पूर्व अमेरिकी क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारत की ग्रोथ रेटिंग सुधारी थी. मूडीज ने 13 साल बाद भारत की रेटिंग सुधारी थी. एजेंसी ने वित्त वर्ष 2018 में जीडीपी ग्रोथ 6.7 फीसदी और वित्त वर्ष 2019 में 7.5 फीसदी रहने की संभावना जताई थी.मूडीज ने कहा था कि वित्त वर्ष 2020 के बाद विकास की रफ्तार में तेज वृद्धि संभव है. साथ ही एजेंसी ने यह भी बताया था कि भारत की विकास दर वृद्धि उभरते देशों में सबसे अधिक रहेगी.जबकि फिच ने इसके विपरीत अनुमान लगाया है .
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