नई दिल्ली: फिच रेटिंग्स ने भारत की अर्थव्यवस्था को झटका दिया है. दरअसल, फिच रेटिंग्स ने भारत के ग्रोथ आउटलुक को स्टेबल से रिवाइज करते हुए नकारात्मक कर दिया है. इसके साथ ही रेटिंग BBB- पर बरकरार रखी है. यह निवेश के हिसाब से सबसे कमजोर रेटिंग है. इसके नीचे बस जंक यानी 'कूड़ा' रेटिंग ही बचा है. रेटिंग के इस स्तर से सरकार की मुश्किलें बढ़ती हैं और निवेश भी प्रभावित होता है.
फिच रेटिंग ने बताया कि कोरोना के कारण भारत की इकोनॉमी को चोट पहुंची है. इस कारण वर्ष के लिए ग्रोथ आउटलुक कमजोर हुआ है. वहीं, कर्ज का बोझ भी बढ़ गया है. फिच ने ये भी कहा कि सख्त लॉकडाउन की वजह से वित्त वर्ष 2021 में इकोनॉमिक एक्टिविटी में 5 प्रतिशत गिरावट आने की आशंका है. फिच के अनुसार जिस प्रकार से देश में कोविड 19 के मामले बढ़ रहे हैं, रिस्क भी बढ़ रहा है. इन बातों का ध्यान रखते हुए रेटिंग रिवाइज की गई है. हालांकि यह देखना बाकी है कि कब चुनौतियां खत्म होंगी और देश एक स्थिर ग्रोथ की तरफ अग्रसर होगा.
आपको बता दें कि हाल ही में रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भी भारत की सॉवरेन रेटिंग को कम कर दिया था. मूडीज ने साथ ही ये भी कहा कि भारत के समक्ष गंभीर आर्थिक सुस्ती का भारी खतरा है, जिसकी वजह से राजकोषीय लक्ष्य पर दबाव बढ़ रहा है. भारत सरकार ने इस साल कर्ज अधिक लेने का ऐलान किया है. बीते दिनों सरकार ने घोषणा की थी कि वह मौजूदा वित्त वर्ष के लिए अपने बाजार से कर्ज लेने का अनुमान बढ़ाकर 12 लाख करोड़ रुपये करेगी. वित्त मंत्रालय ने कहा था कि वित्त वर्ष 2020-21 में अनुमानित कर्ज 7.80 लाख करोड़ रुपये की जगह पर 12 लाख करोड़ रुपये होगा.
देश के 300 से अधिक बैंक कर्मी कोरोना संक्रमित, अब तक 30 कर्मचारी गँवा चुके हैं जान
इन योगासनों से दूर होगी हृदय संबंधी बीमारी, जानें क्या है आसन के तरीके
कर्नाटक : इस चुनाव को लेकर भाजपा ने तय किए उम्मीदवार