पटना : देश के साथ ही विदेश में भी मोक्षस्थली के नाम से विख्यात बिहार के गया जिले में पूर्वजों की आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए किए गए पिंडदान की सामग्री से अब खाद का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए गया में विशेष रूप से पांच मशीनें बुलाई गई हैं। जिला प्रशासन का कहना है कि पिंडदान के लिए गया में पितृपक्ष मेलों में लोगों द्वारा किए गए पिंडदान की सामग्रियां अमूमन यहां-वहां फेंक दिया जाता था या फिर उस सामग्री को नदी में प्रवाहित कर दिया जाता है।
जिला प्रशासन ने कहा कि इससे जल प्रदूषण होता है और इलाके में गंदगी भी फैलती है, किन्तु अब ऐसा नहीं होगा। ऐसा बंदोबस्त पटना के पुनपुन नदी के किनारे भी किया गया है। यहां प्रयोग की जाने वाली पिंडदान सामग्री का पटना में ही खाद बनाया जाएगा। गया के पितृपक्ष मेला-2019 का उद्घाटन बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने गुरुवार को किया था। पुनपुन में पटना नगर निगम, फुलवारीशरीफ और मसौढ़ी नगर परिषद के अफसरों को पिंड सामग्रियों को एकत्रित कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जबकि गया में यह काम गया नगर निगम के जिम्मे किया गया है।
आपको बता दें कि पुनपुन से हर दिन औसतन दो से तीन टन पिंडदान सामग्री निकलती है, जबकि गया में इसकी मात्रा कहीं ज्यादा होती है। हिंदू परंपरा के अनुसार, गया में पिंडस्थानों पर पिंडदान के पहले पहला पिंड पुनपुन नदी के किनारे दिए जाने का नियम है।
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