नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर देश में दो पक्ष हैं, पहले वो जो कट्टर रूप से मोदी के समर्थक हैं जिन्हे आमतौर पर 'भक्त' भी कहा जाता है, क्योंकि भक्त अपने भगवान पर कभी संदेह नहीं करता, जबकि दूसरे वो हैं जो पीएम मोदी के झूठे वादों से तंग आकर उनका विरोध कर रहे हैं. हालांकि देश में पहले दल की संख्या ज्यादा है. क्योंकि उन्हें बताया नहीं जाता कि सच्चाई क्या है. तो आइए जानते हैं पीएम मोदी के कुछ नेगेटिव पॉइंट्स के बारे में, शायद इससे भक्तों की आँखें खुल जाएं.
1 - नोटबंदी :- इसके विषय में पीएम मोदी या उनके बाशिंदे चाहे जो भी कहते हों लेकिन रिज़र्व बैंक कि रिपोर्ट के बाद ये साफ़ हो गया है कि नोटबंदी करने से देश की जीडीपी 2 फीसद गिर गई थी. रिपोर्ट में ये भी बताया गया कि 2000 और 500 के नए नोट बनाने के लिए मोदी सरकार द्वारा 21000 करोड़ रूपये खर्च किए गए, जिसका कोई लाभ नहीं निकला और ये पैसा पीएम मोदी का नहीं था बल्कि देश की जनता का था.
2 - न खाऊंगा न खाने दूंगा:- 2014 लोक सभा चुनाव के समय पीएम नरेंद्र मोदी का यह जुमला काफी प्रचलित हुआ था, जिसमे पीएम मोदी ने देश से भ्रष्टाचार को उखाड़ फेंकने का दावा किया था. लेकिन पीएम मोदी के शासन के साढ़े चार साल गुजरने के बाद आज फोर्ब्स की सूची में भारत, एशिया महाद्वीप के सबसे भ्रष्ट देशों में अव्वल है. बधाई हो , यहाँ हमने चीन और पाकिस्तान को भी पछाड़ दिया.
3 - 15 -15 लाख:- याद है वो 2014 का सुनहरा ख्वाब, जिसमे पीएम मोदी ने कहा था कि भारतीय रईसों द्वारा जमा किया गया काला धन स्विस बैंकों से निकाल कर लाया जाएगा, जिसके बाद हर भारतीय के खाते में 15-15 लाख रुपए जमा किए जाएंगे, क्योंकि ये भारत की आम जनता का पैसा है. मेरे अकाउंट में तो आ गए आपको मिले की नहीं...
4 - पेट्रोल/डीज़ल की कीमतें:- वर्तमान में यही सबसे बड़ा मुद्दा है, जिसे लेकर विपक्ष ने पीएम मोदी के खिलाफ भारत बंद का ऐलान भी किया था, लेकिन असर कुछ भी नहीं. बंद के दूसरे दिन फिर पेट्रोल डीज़ल की कीमतें बढ़ी और उच्चतम स्तर पर पहुँच गई, हो सकता है कि इसके पीछे पीएम मोदी की फिट इंडिया योजना हो, वे चाहते हों कि लोग पेट्रोल डीज़ल की कीमतों से तंग आकर साइकिल का उपयोग करने लगें, इससे वे फिट भी रहेंगे और देश में प्रदूषण भी काम होगा. कमाल की सोच है हमारे पीएम की...
5 - अम्बानी प्रेम:- पीएम मोदी और अनिल अम्बानी के संबंधों के बारे में तो सभी जानते हैं, लेकिन बहुत कम लोग ये जानते हैं कि मोदी सरकार पर लगने वाले सबसे गंभीर आरोपों में से एक राफेल घोटाले में अम्बानी की रिलायंस डिफेन्स कंपनी भी हिस्सेदार है, पीएम मोदी ने 50 से ज्यादा वर्षों से देश की सेवा कर रही हिंदुस्तान ऐरोनॉटिकल्स लिमिटेड को साझेदार बनाने की बजाए, अनिल अम्बानी की डिफेन्स कंपनी को इसके लिए उपयुक्त समझा, जो डील की घोषणा से 13 दिन पहले ही शुरू हुई थी, अब इस डील में घोटाला कितना हुआ, ये तो पीएम और अम्बानी जानें, लेकिन इससे पीएम का अम्बानी प्रेम जरूर दिखता है.
ये भी पढ़ें:-
पीएम मोदी ने चार सालों में किया चालीस सालों का काम
जन्मदिन विशेष: राष्ट्रीय स्वयं सेवक से पीएम मोदी तक का सफर
स्कूल के बच्चों के साथ वाराणसी में जन्मदिन मनाएंगे पीएम मोदी