'आयुष्मान भारत' कहे या 'मोदीकेयर' इस मेडिकल सेवा से जुड़ी योजना के दम पर केंद्र सरकार वाहवाही लूट रही है, मगर घोषणा के बाद से धरातल पर आने में अभी इसे दिक्क्तों का सामना करना पड़ रहा है. बीजेपी शासित राज्य छत्तीसगढ़ में मेडिकल एसोसिएशन ने आयुष्मान भारत के स्वास्थ्य केंद्रों में सेवाएं देने से इंकार कर दिया है. मेडिकल एसोसिएशन की दलील है कि मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना (MSBY) के पैकेज रेट से आयुष्मान भारत योजना की दरें 40 फीसदी से भी कम है. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने 14 अप्रैल को बीजापुर से आयुष्मान भारत योजना को लॉन्च किया था.
मेडिकल एसोसिएशन के मुताबिक आयुष्मान भारत योजना की इलाज की दरें मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना की तुलना में बेहद कम है. उसके मुताबिक आयुष्मान भारत योजना में सिजेरियन डिलेवरी का पैकेज मात्र 9 हजार का है, जबकि MSBY में पैकेज की दर 22 हजार रुपए है. मेडिकल एसोसिएशन ने आयुष्मान भारत की शर्तों को भी कठिन बताया है. उसके मुताबिक इसमें महिलाओ की डिलेवरी केवल सरकारी अस्पतालों में होगी. यदि वहां के डॉक्टरों को लगेगा कि केस क्रिटिकल और गंभीर है तब वे मरीज को प्राइवेट अस्पतालों में रेफर करेंगे.
ह्रदय संबधी बिमारियों के बारे में मेडिकल एसोसिएशन ने कहा कि आयुष्मान योजना के तहत बाईपास सर्जरी के लिए 90 हजार की रकम निर्धारित की गई है. जबकि MSBY और RSBY (राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना) में यह दर डेढ़ लाख रुपए है. आईएमए छत्तीसगढ़ चेप्टर ने आयुष्मान भारत योजना के पैकेज रेट को अस्वीकार करते हुए इस योजना के तहत मरीजों का इलाज नहीं करने का फैसला लिया है. छत्तीसगढ़ हॉस्पिटल बोर्ड के चेयरमेन डॉ राकेश गुप्ता का कहना है कि आईएमए आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीबों का इलाज करने के लिए कटिबद्ध है, लेकिन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने खुद कठिन परिस्थितियां पैदा की हैं.
मोदी के मुरीद हुए कोरियाई राष्ट्रपति, भारतीयों के लिए कही यह बड़ी बात
देश की महिलाएं कुछ भी करने में सक्षम : पीएम मोदी
पीएम मोदी देंगे 1000 करोड़ की सौगात : योगी