बेंगलुरु : अमेरिका की दिग्गज ऑनलाइन रिटेलर कंपनी अमेजॉन से टक्कर लेने के लिए भारतीय ऑनलाइन रिटेलर कंपनी फ्लिपकार्ट(flipkart) ने तेजी से बड़ी फंडिंग जुटाते हुए प्रतिस्पर्धी कंपनी ईबे का इंडियन बिजनेस खरीद लिया है. कंपनी ने टेंसेंट, ई-बे और माइक्रोसॉफ्ट ने कंपनी में करीब 1.4 बिलियन डॉलर (1.4 अरब डॉलर) का निवेश किया है. फ्लिपकार्ट ने अपने अब तक के सबसे बड़े फंडिंग राउंड में करीब 9,000 करोड़ रुपए यानी 1.4 अरब डॉलर जुटाए हैं.इसके साथ ही इस फंडिंग में ई-बे का भारतीय कारोबार अब फ्लिकार्ट का हो गया है. इस डील के बाद ईबे के भारत में होने वाले सारे काम फ्लिपकार्ट के अधीन हो जाएंगे.
इस बारे में फ्लिपकार्ट के संस्थापक सचिन और बिन्नी बंसल ने कंपनी की ओर से एक बयान जारी कर कहा कि हमें खुशी है कि टेसेंट, ईबे और माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियों अब हमारे साथ हैं.अपने आधिकारिक साझा बयान में दोनों ने कहा कि सभी कंपनियों के व्यावसायिक क्षेत्र में पुराने इतिहास को देखते हुए हमने यह पहल की है. इन कंपनियों के साथ आने से हमें और मजबूती मिलेगी. भारत के व्यवसाय क्षेत्र में नए आयाम स्थापित होंगे.
आपको जानकारी दे दें कि फ्लिपकार्ट कंपनी द्वारा ज्यादा से ज्यादा फंड जुटाने का एक कारण यह भी है कि भारतीय डिजिटल ईकॉमर्स बाजार में अमेजॉन और अलीबाबा जैसी विदेशी कंपनियों का दबदबा बढ़ रहा है. कंपनी भारतीय बाजार पर पकड़ बनाए रखने के लिए धन जुटाने और विलय जैसे क़दम उठा रही है. फ्लिपकार्ट की नई डील के बाद स्नेपडील के विलय की तैयारी भी हो रही है. अगर फ्लिपकार्ट में स्नैपडील का विलय हो जाता है तो स्नैपडील ऑनलाइन बाजार में भारत की सबसे बड़ी कंपनी हो जाएगी.
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