गुवाहाटी/ईटानगर/देहरादून : देश के पूर्वोत्तर राज्य इन दिनों बाढ़ की प्राकृतिक आपदा से पीड़ित है. एक ओर अरुणाचल प्रदेश के भी कई हिस्से पानी में डूबे हुए हैं, तो वहीं असम में 44 लोग इस विपदा में मारे जा चुके हैं.उत्तराखंड में भी राजधानी देहरादून और हरिद्वार सहित कई जगहों के स्कूल-कॉलेज बंद हैं. निचले इलाकों में भू स्खलन के कारण सड़कें बंद हैं. बाढ़ के इन हालातों से देश के पीएम मोदी दुखी है.
मिली जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू को व्यक्तिगत तौर पर पूर्वोत्तर के हालात और बचाव कार्यों पर नजर रखने को कहा है.पीएम ने अरुणाचल प्रदेश के सीएम पेमा खांडू और अधिकारियों से बाढ़ के हालात पूछे. वहीं रविवार को उन्होंने असम के सीएम सर्बानंद सोनोवाल से बात कर केंद्र की मदद का भरोसा दिलाया.यही नहीं मोदी ने प्रो-एक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इम्प्लीमेंटेशन (PRAGATI) की बैठक में भी पूर्वोत्तर राज्यों में बाढ़ के हालात पर चर्चा की.यहां बाढ़ के हालातों से लोगों पर जो असर हुआ उससे मोदी दुखी हैं.
उल्लेखनीय है कि बाढ़ और भूस्खलन के कारण अरुणाचल प्रदेश का देश से सम्पर्क टूट गया है. राजधानी ईटानगर को जोड़ने वाला NH-415 पूरी तरह बाधित है. भूस्खलन के कारण 5 लोगों की मौत हो गई है और 9 लापता हैं.सीएम खांडू ने तेजी से बचाव अभियान चलाने और लोगों को राहत शिविरों में शिफ्ट होने की अपील की है. वहीं उत्तराखंड में भी बारिश से बुरे हालात हैं. निचले इलाकों में भूस्खलन होने से उनका संपर्क कटने के साथ ही सिर्फ चमोली जिले में 50 सड़कें ब्लॉक हो गई हैं.बद्रीनाथ और यमनोत्री का रास्ता बंद हो गया है. तीर्थयात्रियों को गौरीकुंड और सोनप्रयाग के सुरक्षित जगह रोका गया है.
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