बिहार में बाढ़ ने मचाई तबाही, 56 साल बाद रौद्र रूप में दिखी कोसी नदी

बिहार में बाढ़ ने मचाई तबाही, 56 साल बाद रौद्र रूप में दिखी कोसी नदी
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पटना: बिहार में कोसी और गंगा नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ने के कारण कई इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर से 13 जिलों में स्थिति गंभीर हो गई है, जबकि कोसी नदी के जलस्तर में भारी वृद्धि से उत्तर बिहार और सीमांचल क्षेत्र जलमग्न होने के कगार पर हैं। बाढ़ के इस गंभीर संकट को देखते हुए राज्य सरकार के साथ केंद्र सरकार भी पूरी तरह सतर्क हो गई है। जानकारी के अनुसार, नेपाल में भारी बारिश के कारण रविवार सुबह वीरपुर (नेपाल) स्थित कोसी बैराज से 6,61,295 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो 1968 के बाद सबसे अधिक है।

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने आज NDRF के साथ समीक्षा बैठक की योजना बनाई है। NDRF को अलर्ट पर रखा गया है, और राज्य सरकार ने भी अपने अधिकारियों को अलर्ट मोड में रहने और ज़रूरी उपाय करने के निर्देश दिए हैं। सोशल मीडिया पर बिहार में बाढ़ के खतरनाक वीडियो सामने आ रहे हैं, जिनमें कई जगहों पर पुलों के ऊपर से पानी बहता दिख रहा है। प्रभावित इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है, और कुछ इलाकों को खाली कराया जा रहा है।

रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले 50 सालों में कोसी नदी में इतना पानी पहली बार देखा जा रहा है, जिससे उत्तर बिहार के कई जिलों में तबाही मच सकती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले 55 सालों में उन्होंने कोसी नदी में इतना पानी नहीं देखा था। 2008 में जब कुशहा बांध टूटा था, तब लगभग दो से तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जिससे बांध टूट गया था। इस बार नेपाल में लगातार बारिश के बाद कोसी बैराज से 5.5 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा गया है, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई है। बिहार सरकार ने वाल्मिकीनगर और बीरपुर बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद राज्य के उत्तरी और मध्य हिस्सों में बाढ़ की चेतावनी जारी कर दी है।

नेपाल में भी लगातार हो रही बारिश के कारण बाढ़ का संकट गहरा गया है, जिसमें अब तक कम से कम 99 लोगों की मौत हो चुकी है। नेपाल के कई हिस्से जलमग्न हो गए हैं, और आपदा प्रबंधन अधिकारियों ने अचानक बाढ़ की चेतावनी जारी की है। नेपाल में आई इस तबाही का असर बिहार में भी साफ तौर पर दिख रहा है, जिससे राज्य के कई हिस्सों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।

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