भारत में कोरोना वायरस के मरीजों को पाते ही उन्हें विशेष केयर में ले लिया गया था और खुद प्रधान मंत्री मोदी इन्हे हालातो पर नज़र बनाये हुए थे , ताज़ा खबरों के अनुसार अब भारत में इसका संकट कम हो गया है लेकिन भारत की राजधानी दिल्ली के लिए बुरी खबर है यहाँ भले ही अब तक कोरोना वायरस के संक्रमण से लोग बचे हुए हैं, लेकिन एच1एन1 (स्वाइन फ्लू) वायरस यहां पर ऐक्टिव हो गया है. एक रिपोर्ट के अनुसार अब तक दिल्ली में स्वाइन फ्लू के 43 केस आ चुके हैं, लेकिन अब तक किसी की मौत की पुष्टि नहीं हुई है. अगर बात करें पिछले साल की तो दिल्ली में स्वाइन फ्लू से 3627 लोग संक्रमित हुए थे और 31 लोगों की जान चली गई थी. डॉक्टर्स का कहना है कि अगर समय रहते स्वाइन फ्लू की पहचान कर ली जाए और ट्रीटमेंट शुरू कर दिया जाए तो उसकी गंभीर स्थिति से निपटा जा सकता है.
ध्यान देने वाली बात ये है की स्वाइन फ्लू एक बहुत ही कॉमन बीमारी है. स्वाइन फ्लू एक फ्लू की तरह है फ्लू का मतलब होता है कि वायरल इनफेक्शन .यह एक प्रकार के वायरस से होता है. यह वायरस हवा में होता है और हवा के ज़रिये ही हमारे शरीर में प्रवेश करता है. अगर खांसी जुखाम के साथ तेज बुखार हो तो अपने चिकित्सक से संपर्क करें. बिना चिकित्सक के परामर्श के दवाओं का सेवन ना करें. हम में से कई लोग अपने आप ही एंटीबायोटिक्स लेना स्टार्ट कर देते हैं जिससे स्थिति और भी कॉम्प्लिकेट हो जाती है. बुखार की स्थिति में आप नॉर्मल पेरासिटामोल ले सकते हैं लेकिन अगर इससे फायदा नहीं हो रहा है तो तुरंत अपने चिकित्सक के पास जाएँ.
डॉक्टरों का कहना है कि स्वाइन फ्लू से घबराने की जरूरत नहीं है. यह ऐसा संक्रमण है जिससे बचाव संभव है और इसका इलाज मौजूद है. स्वाइन फ्लू होने की स्थिति में यह सबसे ज्यादा जरूरी हो कि यह जल्दी से जल्दी पता चल जाये. क्योंकि स्वाइन फ्लू के एंटी- डोज तभी कारगर है जब यह जल्दी पता चल जाए.
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